एक अप्रैल से क्या कर्मियों को मिलने वाली ग्रेच्युटी में होगा बदलाव? जानें संसद में श्रम मंत्री का जवाब

सरकार ग्रेच्‍युटी (Gratuity) के नियमों में कोई बदलाव नहीं करेगी. सरकार ने राज्‍यसभा में स्‍पष्‍ट किया कि ग्रेच्‍युटी पहले की तरह 15 दिनों के वेतन के बराबर ही मिलती रहेगी, इसे बढ़ाकर 30 दिन तक नहीं किया जाएगा.

author-image
Mohit Saxena
एडिट
New Update
money

Employee Gratuity( Photo Credit : twitter)

Advertisment

सरकारी और प्राइवेट नौकरी कर रहे कर्मियों के लिए केंद्र सरकार ग्रेच्‍युटी (Gratuity) में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं करने जा रही है. राज्‍यसभा में श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली (Minister of State for Labor and Employment Rameshwar Teli) ने एक प्रश्‍न के जवाब में कहा कि कहा कि कर्मियों को वर्ष के 15 दिनों के वेतन के बराबर ही ग्रेच्युटी मिलती रहेगी. इसे बढ़ाकर 30 दिन तक करने कोई प्रस्‍ताव नहीं है. सार्वजनिक क्षेत्र के ऐसे निजी और संविदा श्रमिकों, जिन्‍होंने पांच वर्ष से भी कम काम किया है. उसके लिए ग्रेच्युटी योजना लागू के संबंध में पूछे एक सवाल में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 (Code on Social Security, 2020) के तहत किसी कर्मी की नौकरी खत्म होने पर मृत्यु या अपंगता अथवा निश्चित अवधि के रोजगार की समाप्ति या केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित ऐसी किसी घटना के कारण होती है, तो ग्रेच्युटी के लिए 5 वर्ष की निरंतर सेवा पूरी करना जरूरी नहीं होगा.

एक वर्ष में ही ग्रेच्‍युटी देने पर संशय 

सरकार ने कई बार कहा है कि सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 (Code on Social Security, 2020) में यह नियम बनाया गया है कि कर्मचारी को एक वर्ष काम करने पर ही ग्रेच्‍युटी का हकदार माना जाना चाहिए. हालांकि, यह कानून एक अप्रैल से लागू हो रहा है या नहीं इस पर संशय बना हुआ है. फिलहाल चार वर्ष और 240 दिन तक काम करने वाला शख्स ही ग्रेच्‍युटी का हकदार होगा.

पीएफ में 50 फीसदी कटौती स्‍पष्‍ट नहीं

ऐसा कहा जा रहा था कि एक अप्रैल, 2022 से नया लेबर कानून आएगा. इसमें कर्मचारी के बेसिक वेतन का 50 फीसदी तक पीएफ काटा जाएगा. इससे सामाजिक सुरक्षा को अहम   बनाया जाएगा. हाथ में आने वाले वेतन की राशि घटेगी. हालांकि, इसे लागू करने पर सरकार की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है.

क्या होती है ग्रेच्‍युटी 

गौरतलब है ग्रेच्युटी सैलरी का वह भाग है, ये ऐसा बेनिफिट है जो Payment of Gratuity Act 1972 के तहत मिलता है. कंपनी या नियोक्ता (Employer) इसे कर्मचारी की बरसों की सेवाओं के बदले देता है. ग्रेच्युटी नौकरी छोड़ने या खत्म होने पर कर्मचारियों को नियोक्ता द्वारा मिलती है. ग्रेच्‍युटी की कैलकुलेशन सेवा वर्ष x अंतिम वेतन x 15/26 के फार्मूले से की जाती है. उदाहरण के तौर पर अगर किसी कर्मचारी ने 30 वर्ष नौकरी की है और उसकी अंतिम सैलरी 25 हजार रुपये थी तो उसे 30x25000x15/26 = 432692.308 रुपये ग्रेच्‍युटी रकम मिलेगी.

 

HIGHLIGHTS

  • कर्मियों को वर्ष के 15 दिनों के वेतन के बराबर ही ग्रेच्युटी मिलती रहेगी
  • चार वर्ष और 240 दिन तक काम करने वाला शख्स ही ग्रेच्‍युटी का हकदार होगा
Employee Gratuity Minister of State for Labor and Employment Code on Social Security What Is Gratuity How is Gratuity Calculated
Advertisment
Advertisment
Advertisment