Indian Railway: भारत-पाकिस्तान के बीच 1965 में हुए युद्ध के समय से बंद पड़े हल्दीबाड़ी-चिल्लाहाटी रेलवे लिंक (Haldibari-Chilahati Rail Link) का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना ने गुरुवार को उद्घाटन किया. इसके साथ ही पड़ोसी देशों के बीच रेल लिंक की संख्या बढ़कर पांच हो गई है. नए रेल लिंक के शुरू होने के साथ ही बांग्लादेश से आने वाले पर्यटक नेपाल और भूटान के साथ-साथ दार्जिलिंग, सिक्किम, दोआर क्षेत्रों की यात्रा कर सकेंगे.
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1965 तक भारत और तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तानके बीच सात रेलवे लिंक कर रहे थे काम
रेलवे ने कहा कि नए रेल लिंक से दक्षिण एशिया के इन देशों की आर्थिक गतिविधियों को भी लाभ होगा. मोदी और हसीना ने संयुक्त रूप से भारत के हल्दीबाड़ी और बांग्लादेश के चिल्लाहाटी के बीच रेलवे लिंक का ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में उद्घाटन किया. बाद में बांग्लादेश के रेल मंत्री मोहम्मद नुरुल इस्लाम सुजान ने चिल्लाहाटी स्टेशन से एक मालगाड़ी को हरी झंडी दिखाई जो अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार करके भारत पहुंची. भारत और बांग्लादेश दोनों ही देशों में रेलवे नेटवर्क ब्रिटिश शासन की देन है. 1947 में विभाजन के बाद भारत और तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (1965 तक) के बीच सात रेलवे लिंक काम कर रहे थे.
Catch a glimpse of first train being received in India at Indo - Bangladesh border station.
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) December 18, 2020
Rail link between Haldibari, India & Chilahati, Bangladesh is the 5th rail link inaugurated yesterday by Hon'ble PM of India & Hon'ble PM of Bangladesh jointly. pic.twitter.com/vhPy7Eb1cs
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फिलहाल भारत-बांग्लादेश के बीच चार रेलवे लिंक कर रहे हैं काम
रेलवे मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार फिलहाल भारत-बांग्लादेश के बीच चार रेलवे लिंक काम कर रहे हैं. ये हैं... पेट्रोपोल (भारत) से बेनापोल (बांग्लदेश), गेडे (भारत)-दर्शना (बांग्लादेश), सिंघबाद (भारत) - रोहनपुर (बांग्लादेश) और राधिकापुर (भारत) - बिरोल (बांग्लदेश). 17 दिसंबर से शुरू हुआ हल्दीबाड़ी-चिल्लाहाटी रेलवे लिंक भारत-बांग्लादेश के बीच पांचवां लिंक है. विज्ञप्ति के अनुसार हल्दीबाड़ी-चिल्लाहाटी रेलवे लिंक 1965 तक काम कर रहा था. विभाजन के दौरान यह कलकत्ता-सिलीगुड़ी ब्रॉड गेज मुख्य लाइन का हिस्सा था. असम और उत्तरी बंगाल जाने वाली ट्रेनें विभाजन के बाद भी पूर्वी पाकिस्तान से होकर जाती थीं.
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उदाहरण के लिए सियालदह से सिलीगुड़ी जाने वाली ट्रेन दर्शना से पूर्वी पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश करती और हल्दीबाड़ी-चिल्लाहाटी लिंक के रास्ता वापस भारत लौटती, लेकिन 1965 के युद्ध ने भारत और तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के बीच रेलवे लिंक को प्रभावी तरीके से बंद कर दिया. ऐसे में भारत के पूर्वी सेक्टर के लिए रेलवे का विभाजन 1965 में हुआ. ऐसे में इस लिंक को फिर से शुरू करने के महत्व को आसानी से समझा जा सकता है. (इनपुट भाषा)