ऐप आधारित डोर-टू-डोर ईंधन वितरण सेवा प्रदान करने के लिए 'द फ्यूल डिलीवरी' (The Fuel Delivery) भारत में दिल्ली- एनसीआर और देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से शुरुआत करने के लिए तैयार है. नई शुरूआत करते हुए मुंबई स्थित आरएसटी फ्यूल डिलिवरी प्राइवेट लिमिटेड (Fuel Delivery Pvt Ltd) का उद्देश्य देश में ईंधन वितरण और खपत परिदृश्य को बदलना है और उपभोक्ताओं के साथ-साथ निर्माण और लॉजिस्टिक कंपनियों जैसे बड़े पैमाने पर ग्राहकों को सशक्त बनाना है. द फ्यूल डिलिवरी के संस्थापक और सीईओ रक्षित माथुर (Rakshit Mathur) का कहना है कि हम मुख्य रूप से रियल एस्टेट, अस्पतालों, कॉर्पोरेट कार्यालय, स्कूलों और संस्थानों, बैंकों, शॉपिंग मॉल, गोदामों, ट्रांसर्पोटेशन और लॉजिस्टिक और कृषि जैसे क्षेत्रों में ईंधन की होम डिलीवरी के लिए एक बड़ी क्षमता देखते हैं. तेल विपणन कंपनियां का अनुमान है कि आने वाले 12 से 18 महीनों में बाजार का भाव 2,000 करोड़ रुपये तक हो सकता है.
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मोबाइल ऐप को डाउनलोड करके ऑर्डर कर सकते हैं फ्यूल
प्रणाली ईंधन की होम डिलीवरी प्रदान करेगी. ग्राहक अपने स्मार्टफोन में कंपनी के मोबाइल ऐप को डाउनलोड करके फ्यूल ऑर्डर कर सकते हैं. वे ऐप के माध्यम से भुगतान कर सकते हैं और ऐप के जरिये ही डिलीवरी की मॉनिटरिंग भी कर सकते हैं. माथुर ने कहा कि हमने मोबाइल ऐप बनाने के लिए आईओटी टेक्नोलॉजी की मदद ली है. हमारे सभी वितरण वाहनों को आईओटी सॉल्यूशन के साथ जोड़ा है, जो ऑर्डर की पूर्ति बेहतर ढंग से निगरानी और ट्रैकिंग सुनिश्चित करेगा. कंपनी की अगले 6 से 12 महीनों में अन्य प्रमुख बाजारों जैसे चंडीगढ़, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता में प्रवेश करने की योजना है.
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ईंधन वितरण बाजार तेजी से तेल विपणन कंपनियों जैसे हिंदुस्तान पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल के साथ तेजी से विकसित हो रहा है और इस क्षेत्र में कुछ मौजूदा स्टार्ट-अप के साथ टाई अप कर रहा है। सेगमेंट में स्टार्ट-अप्स के लिए फ्यूल एंटरप्रेन्योर बनने की क्षमता है. साथ ही ड्राइवर और हेल्पर्स के लिए भी रोजगार पैदा करेगा. कोविड-19 की स्थिति में यह उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद होगा, क्योंकि वे ईंधन स्टेशनों पर लंबी कतारों से बचकर कॉन्टेक्ट-लेस डिलीवरी के माध्यम से सामाजिक दूरी के मानदंडों को बनाए रखेगा.
इनपुट आईएएनएस
HIGHLIGHTS
- आने वाले 12 से 18 महीनों में फ्यूल डिलीवरी बाजार का भाव 2,000 करोड़ रुपये तक हो सकता है
- 6 से 12 महीनों में प्रमुख बाजारों जैसे चंडीगढ़, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता में प्रवेश करने की योजना