Driving Licence Rule: ड्राइविंग लाइसेंस कितनी तरह के होते हैं, जानें उन्हें बनाने के नियम

Driving Licence Rule: भारत में ड्राइविंग लाइसेंस कई तरह के हो सकते हैं, जो व्यक्ति की आयु और वाहन के प्रकार पर निर्भर करते हैं. भारत में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के नियम क्या हैं ये सारी जानकारी हम आपको दे रहे हैं. भारत में वैसे ड्राइविंग लाइसेंस प्रा

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Sunder Singh
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सांकेतिक तस्वीर( Photo Credit : news nation)

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Driving Licence Rule: भारत में ड्राइविंग लाइसेंस कई तरह के हो सकते हैं, जो व्यक्ति की आयु और वाहन के प्रकार पर निर्भर करते हैं. भारत में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के नियम क्या हैं ये सारी जानकारी हम आपको दे रहे हैं. भारत में वैसे ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए कड़े कानून है. ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि कौन सा लाइसेंस बनवाना है. ड्राइविंग लाइसेंस कितनी तरह के होते हैं और उन्हें बनाने के क्या नियम हैं जिनका पालन करते हुए आप अपनी आवश्यकतानुसार लाइसेंस बनवा सकते हैं आइए जानते हैं. 

ड्राइविंग लाइसेंस कितनी तरह के होते हैं. 

लर्निंग लाइसेंस (Learning License): यह लाइसेंस उन व्यक्तियों के लिए होता है जो वाहन चलाना सीख रहे हैं। इसे अक्सर एक स्थानीय ट्रांसपोर्ट ऑफिस से प्राप्त किया जा सकता है. लर्निंग लाइसेंस के पास व्यक्ति को निश्चित समय के लिए सीधे रोड पर गाड़ी चलाने की अनुमति होती है.

परमिट लाइसेंस (Permit License):  इस लाइसेंस को वाहन के लिए सार्वजनिक परिवहन के लिए प्राप्त किया जाता है. यह वाहन के प्रकार और उपयोग के आधार पर बदल सकता है, जैसे कि व्यक्तिगत प्रयास, गूड्स कैरियर, या टैक्सी परिवहन.

कमर्शियल लाइसेंस (Commercial License): यह लाइसेंस व्यक्ति को व्यापारिक उद्देश्यों के लिए वाहन चलाने की अनुमति देता है. इसमें विभिन्न श्रेणियाँ शामिल हो सकती हैं, जैसे कि ट्रक ड्राइविंग लाइसेंस, बस ड्राइविंग लाइसेंस, और अन्य कमर्शियल वाहनों के लिए वाहन चलाने की अनुमति होती है.

व्यक्तिगत लाइसेंस (Personal License): इस लाइसेंस का उपयोग व्यक्ति अपने व्यक्तिगत उद्देश्यों के लिए वाहन चलाने के लिए करता है, जैसे कि व्यक्तिगत यात्रा और अन्य निजी उद्देश्यों के लिए.

मोटरसाइकिल लाइसेंस (Motorcycle License): यह लाइसेंस वहान चलाने के लिए होता है जो केवल मोटरसाइकिल पर यात्रा करते हैं। इसे अक्सर मोटरसाइकिल सवार के पहले लाइसेंस के रूप में प्राप्त किया जाता है.

हेवी व्हीकल लाइसेंस (Heavy Vehicle License): इस लाइसेंस का उपयोग भारी वाहनों के चालकों के लिए होता है, जैसे कि ट्रक और बस. इसे प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को विशेष शिक्षा और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है.

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियम

आवश्यक योग्यता: ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवश्यक योग्यता होनी चाहिए. व्यक्ति को कम से कम 18 वर्ष का होना चाहिए और उसे फिजिकल और मेंटल फिटनेस में भी योग्य होना चाहिए. 

लर्निंग लाइसेंस: ड्राइविंग सीखने के लिए व्यक्ति को पहले एक लर्निंग लाइसेंस प्राप्त करना होता है. इसके लिए उसे एक लोकल ट्रांसपोर्ट ऑफिस या रोड ट्रांसपोर्ट ऑफिस में अपने पास के इलाके के हैंडलर से संपर्क करना होता है. 

ड्राइविंग स्कूल: लर्निंग लाइसेंस प्राप्त करने के बाद, व्यक्ति को एक अच्छी ड्राइविंग स्कूल में एक ड्राइविंग कोर्स करना होता है. 

ड्राइविंग टेस्ट: ड्राइविंग स्कूल के पूरा होने के बाद, व्यक्ति को एक ड्राइविंग टेस्ट देना होता है. इसमें उसे वाहन चलाने की क्षमता को मूल्यांकित किया जाता है. 

लाइसेंस के लिए आवेदन: ड्राइविंग टेस्ट पास करने के बाद, व्यक्ति को लाइसेंस के लिए आवेदन करना होता है जिसमें उसे आवश्यक दस्तावेज सहित अन्य जानकारी भरनी होती है. 

लाइसेंस का वितरण: आवेदन के बाद, स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी द्वारा लाइसेंस का वितरण किया जाता है. इसके बाद, व्यक्ति को आधिकारिक ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त होता है. 

अनिवार्य दस्तावेज: ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों में पासपोर्ट साइज फोटो, पते का प्रमाण, आधार कार्ड, वित्तीय स्थिति प्रमाणपत्र, और लर्निंग लाइसेंस शामिल हो सकते हैं. 

लाइसेंस की शुद्धि: ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के बाद, व्यक्ति को विशेष अंतर्निहित समझौता पर हस्ताक्षर करना होता है और वह लाइसेंस की शुद्धि बनाए रखने के लिए सभी योग्यताएं पूर्ण करना होता है. 

Source : News Nation Bureau

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