Attorney General kaise bane: भारत के वर्तमान अटर्नी जनरल आर वेंकटरमनी हैं. जिन्हें भारत के राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा नियुक्त किया था. औपचारिक रूप आर वेंकटरमनी ने 2 अक्टूबर 2022 से अपना पद ग्रहण किया था. वकील से अटॉर्नी जनरल बनने की पूरी प्रक्रिया एक विशेषाधिकारी के रूप में अद्यतित और पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से पूरी की जाती है. यह प्रक्रिया कई चरणों में विभाजित होती है और उम्मीदवार को कई चरणों का सामना करना पड़ता है. अटॉर्नी जनरल एक विशेषाधिकारी होता है जो सरकारी कानूनी मामलों में सरकार की प्रतिनिधि होता है. उन्हें विशेष वकालत और कानूनी सलाह देने की प्राधिकृति होती है. अटॉर्नी जनरल का कार्यक्षेत्र अत्यधिक विस्तृत होता है और उन्हें अदालतों में शानदार प्रतिनिधित्व करने की जिम्मेदारी भी सौंपी जाती है. वे सरकार की विभिन्न विभागों को कानूनी मामलों में सलाह देते हैं और सरकार के हित में कानूनी कार्यवाही करते हैं. उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उच्चतम कानूनी प्रतिनिधित्व का कार्य भी सौंपा जाता है.
शैक्षणिक योग्यता: सबसे पहला चरण यह होता है कि उम्मीदवार को एक विशिष्ट शैक्षणिक पात्रता हासिल करना पड़ता है, जैसे कि एक विधि डिग्री या संबंधित क्षेत्र में उच्च शैक्षणिक योग्यता.
कानूनी परीक्षा: उम्मीदवार को राज्य या राष्ट्र स्तर पर वकील के रूप में पंजीकरण के लिए एक कानूनी परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है. इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने के बाद, उम्मीदवार को वकील के रूप में पंजीकृत किया जाता है.
न्यायिक सेवा में कार्य करना: अटॉर्नी जनरल बनने के लिए, उम्मीदवार को अवधि के दौरान न्यायिक सेवा में कार्य करना होता है. वहाँ वह अपने न्यायिक कौशल को स्वयं को साबित करने का मौका प्राप्त करता है.
संघटक कार्य: अटॉर्नी जनरल के रूप में नामांकित होने के बाद, उम्मीदवार को कार्यालय के संघटक कार्यों, जैसे कि केस की सूची तैयार करना, न्यायिक राजस्व के मामले का संबोधन करना, आदि, में सक्षम होना होता है.
न्यायाधीश बनने की प्रक्रिया: कुछ राज्यों में, वकील के बाद, उम्मीदवार को सरकारी न्यायिक सेवा में प्रवेश करने के लिए न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए अन्य एक सरकारी परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है.
इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद, वकील अब अटॉर्नी जनरल बन जाता है और सरकार की मुख्य कानूनी सलाहकार बनता है.
Source : News Nation Bureau