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सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 : जानें कैसे फाइल की जाती है RTI ?

RTI की धारा 8 के तहत किसी भी सरकारी विभाग में चल रही Internal Inquiry की जानकारी भी आपको नहीं दी जा सकती.

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Sabir Haque
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RTI

RTI( Photo Credit : News Nation )

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सूचना का अधिकार एक ऐसा अधिकार है जिसके माध्यम से आप सरकारी विभागों से सूचना मांग सकते हैं. सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 ने भारत के आम आदमी को काफी ताकत प्रदान की. RTI के माध्यम से कोई भी भारतीय नागरिक सरकारी तंत्र से सूचनाएं आसानी से हासिल कर सकता है. हालांकि RTI एक्ट में आपको वे सूचनाएं नहीं दी जाएंगी, जो देश की एकता और अखंडता को प्रभावित करती हों. RTI की धारा 8 के तहत किसी भी सरकारी विभाग में चल रही Internal Inquiry की जानकारी भी आपको नहीं दी जा सकती.

RTI के अंतर्गत आने वाले विभाग

पुलिस विभाग, सरकारी अस्पताल, सरकारी बीमा और फोन कंपनियां, राष्ट्रपति, चुनाव आयोग, संसद और विधानमंडल, सभी सरकारी ऑफिस, कोर्ट, सभी सरकारी बैंक, PMO, राज्यपाल और मुख्यमंत्री कार्यालय आते हैं. 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से CJI दफ्तर भी RTI के दायरे में आता है.

कैसे करें आवेदन ?

RTI की धारा 6 (1) के अनुसार आप पेपर पर आवेदन लिख कर सूचना हासिल कर सकते हैं. इसी के साथ जब भी आप RTI के लिए आवेदन करें, तो धारा 6(3) का ज़िक्र ज़रूर करें. इस धारा को लिखने से अगर आपका आवदेन किसी गलत विभाग में चला गया है, तो उसे सही विभाग में भेज दिया जाएगा.

RTI की धारा 7(6) के अनुसार अगर आपको सूचना 30 दिनों के अंदर नहीं दी गई है, तो आपको सूचना मुफ्त में दी जाएगी. RTI फाइल करने की फीस मात्र 10 रुपए है. अगर आप BPL कार्ड धारक हैं, तो आपको RTI के लिए 10 रुपए की फीस भी नहीं देनी होगी.

जवाब ना मिलने पर क्या करें ?

अगर आपकी RTI का जवाब 30 दिनों में नहीं मिलता है, तो आप फर्स्ट अपील अधिकारी को अपील कर सकते हैं. अगर इसके बाद भी आपको RTI  का जवाब नहीं मिलता है, तो 90 दिनों के अंदर सेकंड अपील कर सकते हैं.

Source : Sabir Haque

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