पब्लिक प्रोविडेंट फंड केंद्र सरकार की स्मॉल सेविंग स्कीम है. यह काफी अधिक पॉपुलर स्कीम है. इस स्कीम के तहत लंबी अवधि में निवेश करके आप मोटा फंड ले सकते हैं. स्कीम के तहत, जमा राशि पर सरकार 7.10% के हिसाब से कंपाउंडिंग ब्याज दे रही है. मैच्योरिटी के बाद पूरी जमा राशि आप निकाल सकते हैं. हालांकि, कई बार ऐसा भी होता है कि निवेशकों को बीच में पैसों को निकालने की जरुरत पड़ जाती है तो पीपीएफ उन्हें आंशिक निकासी की सुविधा देता है. प्रीमैच्योर विड्रॉल के लिए एक शर्त है- खाते को खुले कम से कम पांच हो गए हों. प्रीमैच्योर विड्रॉल में खाते से अधिकतम 50 फीसदी राशि ही निकाली जा सकती है. पीपीएफ में निवेश करने से आपको इनकम टैक्स में भी फायदा मिलेगा. निवेशकों को आईटी की धारा 80 सी के तहत 1.50 लाख रुपये तक की छूट मिल सकती है.
पीपीएफ से पैसे निकालने के लिए फॉर्म सी जरूरी
अगर आप पीपीएफ खाते से पैसा निकालना चाहते हैं, तो आपको पीपीएफ खाते वाले बैंक में फॉर्म C जमा करना पड़ेगा. पीपीएफ खाते से पैसे निकालने के लिए आपको यह जरूर जानना चाहिए. अगर आपको इसके बारे में नहीं पता तो आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं. अगर आपको कहीं फॉर्म सी नहीं मिल रहा है तो आप बैंक की वेबसाइट से ऑनलाइन फॉर्म सी डाउनलोड कर सकते हैं. पीपीएफ खाताधारक मैच्योरिटी के बाद पीपीएफ खाते से पैसे निकाल सकते हैं. पीपीएफ खाते की मैच्योरिटी में 15 साल लगते हैं. मैच्योरिटी के बाद पूरा पैसा निकाल सकते हैं. अगर आप आंशिक या फिर पूर्ण पैसा अपने पीपीएफ खाते से निकालना चाहते हैं तो आपको उस बैंक या डाकघर में फॉर्म सी जमा करना होगा.
क्या है फॉर्म सी योजना
पीपीएफ योजना उन व्यक्तियों के लिए है, जिन्हें उच्च और स्थिर रिटर्न अर्जित करना है. पीपीएफ खाता खोलने का उद्देश्य मुख्यत: मूल राशि की सुरक्षा है. पीपीएफ खाता खोलते के बाद निवेशक को हर माह निश्चित पैसा जमा करना होता है और इसका ब्याज चक्रवृद्धि होता जाता है.
Source : News Nation Bureau