नकली घी या अदुल्टरेटेड घी की पहचान करना कभी-कभी चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि असली और नकली घी के बीच में कई सारे उत्पाद हो सकते हैं जो देखने में आसानी से नहीं होते हैं। आपको बता दें कि मिलावट की इस दुनिया में सबकुछ मिलावटी है. नकली घी स्वास्थ्य के लिए धीमा जहर है. धीरे-धीरे हमारे ऑर्गेन सिस्टम को खऱाब करता है. आइये जानते हैं घऱ पर ही आप कैसे असली व नकली घी पहचान कर सकते हैं. क्योंकि बाजार में मिलने वाला अधिकतर घी नकली ही है. असली घी में एक स्वास्थ्यकर सुगंध होती है जो नकली घी में नहीं होती. इसके अलावा भी कई ऐसे तरीके हैं, जिनसे आप असली व नकली घी की पहचान कर सकते हैं.
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कुछ ऐसी आती है महक
नकली घी ज्यादातर अन्य तेलों के साथ मिलती है, जिससे इसमें वास्तविक घी की गाढ़ाई और ठीक-ठाक की स्थिति नहीं होती। एक कटोरी में ठंडी घी डालें और इसे फ्रिज में रखें। असली घी ठंडी होकर ठीक से जम जाएगी,जबकि नकली घी जल्दी जमती है और कम गाढ़ी होती है।
डेयरी विभाग की पहचान:असली घी ज्यादातर डैयरी उत्पादों से आती है, इसलिए यदि आप एक दिवारी के उत्पादों के लेबल और पैकेजिंग की जांच कर सकते हैं तो यह एक सुरक्षितता चेक हो सकता है।
स्वाद की जाँच:असली घी का स्वाद मिठा और मिलावट रहित होता है, जबकि नकली घी में मिठास की भरमार हो सकती है।
तैल की गाढ़ाई: असली घी ठंडी होने पर गाढ़ी होती है, जबकि नकली घी में गाढ़ापन कम होता है और यह तेलीय होती है।
दिवारी का जाँच: असली घी ज्यादातर सी दिवारी (clarified butter) होती है, जो कि नकली घी में कम हो सकती है।
लेबल पर ध्यान दें:
असली घी का लेबल विवेचन करें और उसमें योग्यता तिथि, उत्पाद की जानकारी, और ब्रांड की सत्यापन के लिए जाँच करें।
नकली घी से बचने के लिए एक सबसे अच्छा तरीका हमेशा एक विश्वसनीय ब्रांड का चयन करना है और अगर संभावना हो, तो आप अपने लोकल डेयरी या खुद बनी घी का उपयोग कर सकते हैं। बाजार में मिलने वाला घी खाकर आप बीमारियों को दावत दे सकते हैं..
Source : News Nation Bureau