भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने चिनाब पुल का मेहराब बंदी काम पूरा कर लिया है. यह चेनाब पुल दुनिया का सबसे ऊंचा पुल (Chenab Arch Bridge) है और यह उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना (यूएसबीआरएल) का हिस्सा है. बता दें कि रेलवे ने इस प्रतिष्ठित चिनाब पुल (Chenab Bridge) की इस्पात मेहराब को पूरा करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. चिनाब के ऊपर पुल बनाने का यह सबसे कठिन हिस्सा था. यह उपलब्धि कटरा से बनिहाल तक 111 किलोमीटर लंबे खंड को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह निश्चित रूप से हाल के इतिहास में भारत में किसी रेल परियोजना के सामने आने वाली सबसे बड़ी सिविल-इंजीनियरिंग चुनौती है. 5.6 मीटर लंबा धातु का टुकड़ा आज सबसे ऊंचे बिंदु पर फिट किया गया है, जिसने वर्तमान में नदी के दोनों किनारों से एक-दूसरे की ओर खिंचाव वाली मेहराब की दो भुजाओं को आपस में जोड़ा है. इससे मेहराब का आकार पूरा को गया है, जो 359 मीटर नीचे बह रही जोखिम भरी चिनाब नदी पर लूम करेगी.
मेहराब का काम पूरा होने के बाद, स्टे केबल्स को हटाने, मेहराब रिब में कंक्रीट भरने, स्टील ट्रेस्टल को खड़ा करने, वायडक्ट लॉन्च करने और ट्रैक बिछाने का काम शुरू किया जाएगा. रेल, वाणिज्य एवं उद्योग तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ सुनीत शर्मा, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऐतिहासिक मेहराब का काम पूरा होते हुए देखा.
A moment of pride for 🇮🇳! The arch of Chenab bridge, connecting Kashmir to Kanyakumari has been completed.
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) April 5, 2021
With an arch span of 467m, it is the world’s highest railway bridge.
PM @NarendraModi ji’s vision to connect India has inspired the Railway family to scale new heights pic.twitter.com/GEDEBIb9nE
चिनाब ब्रिज की मेहराब की प्रमुख विशेषताएं
भारतीय रेलवे कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के लिए यूएसबीआरएल परियोजना के एक हिस्से के रूप में चिनाब नदी पर प्रतिष्ठित मेहराब पुल का निर्माण कर रही है. यह पुल 1315 मीटर लंबा है. यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है जो नदी के तल के स्तर से 359 मीटर ऊपर है. इसके अलावा यह पेरिस (फ्रांस) की प्रतिष्ठित एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है. इस पुल के निर्माण में 28,660 मीट्रिक टन इस्पात का फैब्रिकेशन हुआ है. इसमें 10 लाख सीयूएम मिट्टी का कार्य हुआ है. 66,000 सीयूएम कंक्रीट का इस्तेमाल हुआ है और 26 किलोमीटर मोटर योग्य सड़कों का निर्माण शामिल है.
भूकंप का सामना करने में सक्षम है यह ब्रिज
बता दें कि भारतीय रेलवे ने पहली बार ओवरहेड केबल क्रेन द्वारा मेहराब के मेम्बर्स का निर्माण किया है. संरचनात्मक कार्य के लिए सबसे आधुनिक टेक्ला सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया है. संरचनात्मक इस्पात -10 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान के लिए उपयुक्त है. गौरतलब है कि यह पुल 266 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज गति की हवा की गति का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह पुल देश में पहली बार डीआरडीओ के परामर्श से ब्लास्ट लोड के लिए डिजाइन किया गया है. यह पुल एक खंभे/ सहारे को हटाने के बाद भी 30 किलोमीटर प्रति घंटे की गति पर परिचालित रहेगा.
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यह भारत में उच्चतम तीव्रता वाले जोन-V के भूकंप बलों को सहन करने के लिए डिजाइन किया गया है. पहली बार भारतीय रेलवे ने वेल्ड परीक्षण के लिए चरणबद्ध ऐरे अल्ट्रासोनिक टेस्टिंग मशीन का उपयोग किया है. भारतीय रेलवे ने पहली बार स्थल पर वेल्ड परीक्षण के लिए एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला स्थापित की थी. ढांचे के विभिन्न भागों को जोड़ेने के लिए लगभग 584 किलोमीटर वेल्डिंग की गई है जो जम्मू तवी से दिल्ली की दूरी के बराबर है. श्रीनगर एंड पर केबल क्रेन के पाइलन की ऊंचाई 127 मीटर है, जो कुतुब मीनार से 72 मीटर से कहीं अधिक है. भारतीय रेलवे ने पहली बार एंड लॉन्चिंग विधि का उपयोग करके घुमावदार वायडक्ट भाग का शुभारंभ किया है. अत्याधुनिक इंस्ट्रूमेंटेशन के माध्यम से व्यापक स्वास्थ्य निगरानी और चेतावनी प्रणालियों की योजना बनाई गई है. -इनपुट पीआईबी
HIGHLIGHTS
- चेनाब ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है जो नदी के तल के स्तर से 359 मीटर ऊपर है
- यह एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है, इसके निर्माण में 28,660 मीट्रिक टन इस्पात का फैब्रिकेशन हुआ