भारतीय रेलवे (Indian Railway) तेजस (Tejas) के बाद अब 150 ट्रेनों को निजी हाथों में देने की तैयारी कर रहा है. इसके अलावा 50 स्टेशन को भी प्राइवेट सेक्टर को सौंपने की तैयारी है. दरअसल, केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों के निजीकरण की प्रक्रिया को तेज कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक नीति आयोग (Niti Aayog) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अमिताभ कांत द्वारा रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव को लिखे गए पत्र में 150 ट्रेनों और 50 रेलवे स्टेशनों का निजीकरण करने का जिक्र किया गया है.
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150 ट्रेनों को प्राइवेट ट्रेन ऑपरेटर्स को दिए जाने पर विचार जारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पत्र में नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत ने लिखा है कि जैसा कि आप पहले से जानते हैं कि रेल मिनिस्ट्री ने यात्री ट्रेनों को चलाने के लिए प्राइवेट ट्रेन ऑपरेटर्स को लाने का निर्णय लिया है. उसी के तहत पहले चरण में 150 ट्रेनों को इस प्रक्रिया के तहत लाने पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने लिखा है कि रेलवे के इस कदम से एक मिसाल कायम होगा. उनके पत्र में 400 रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाए जाने की चर्चा की गई है.
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अमिताभ कांत ने पत्र में लिखा है कि उन्होंने रेल मंत्री से व्यापक चर्चा की थी. उस समय यह उम्मीद जताई गई थी कि प्राथमिकता के आधार पर कम से कम 50 स्टेशन के निजीकरण लेकर आवश्यक कदम उठाए जाएं. पत्र में उन्होंने 6 एयरपोर्ट के निजीकरण के अनुभव का भी जिक्र किया है. उन्होंने लिखा है कि ऐसा ही काम रेलवे के लिए भी किया जा सकता है.
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अमिताभ कांत ने इस प्रक्रिया के लिए एक इंपावर्ड ग्रुप ऑफ सेक्रेट्रीज (Empowered Group Of Seceretaries) बनाने का सुझाव दिया है. इस ग्रुप में नीति आयोग के CEO, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, सेक्रेट्री डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स, सेक्रेटरी मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स को शामिल करके समयबद्ध प्रक्रिया के तहत काम को आगे बढ़ाने की बात कही है.