Indian Railway: रेल किराये में छूट के लाभार्थी सीनियर सिटीजन (senior citizen)के लिए यह खबर बुरी हो सकती है. क्योंकि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav)ने संसद में साफ कर दिया है कि फिलहाल ऐसी किसी भी रियायत के बारे में वे सोच भी नहीं सकते. रेल मंत्री ने पेंशन और वेतन का हवाला देते हुए कहा कि इन दोनों का बिल ही बहुत अधिक है. ऐसे में एक और छूट देना संभव ही नहीं है. आपको बता दें कि रेल मंत्री संसंद में सांसद नवनीत राणा के सवालों के जवाब दे रहे थे. जिसमें उन्होनें सीनियर सिटीजन को मिलने वाली रेल किराय में छूट की खबरों पर पूरी तरह विराम लगा दिया.
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कोरोनाकाल में बंद हो गई थी सुविधा
दरअसल, कोविड-19 के चलते रेल मंत्रालय ने सीनियर सिटिजन की किराये में छूट को बंद कर दिया था. लेकिन उसके बाद 2021 से ही सीनियर सिटिजन को राहत देने की मांग लगातार उठ रही है. लेकिन बुधवार को संसद में रेलव मंत्री ने दो टूक कह दिया कि फिलहाल ऐसी किसी भी राहत के बारे में वे सोच भी नहीं सकते. इसके लिए उन्होनें कई कारण भी मीडिया व देश के सामने रखे. रेल मंत्री ने बताया कि पिछले साल 59000 करोड़ रुपये सब्सिडी के लिए रेलवे ने दिये थे. यह रकम कई राज्यों के वार्षिक बजट से भी ज्यादा है. इसके अलावा रेलवे पेंशन व वेतन पर एक अच्छा-खासा अमाउंट खर्च करता है. वहीं लगभग 40000 करोड़ रुपए ईंधर पर लगातार खर्च होता है.
हर यात्री को छूट की सुविधा
इस दौरान उन्होने एक अन्य सांसद के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि रेलवे प्रति यात्री को टिकट किराये में लगभग 55 फीसदी छूट देता है. रेव मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रति यात्री के सफर में लगभग 1.16 रुपये का खर्च आता है. लेकिन रेलवे सिर्फ 40-48 पैसे ही यात्री से लेता है. इसलिए 50 से 55 फीसदी तक की छूट वैसे ही रेलवे प्रति यात्री को दे रहा है. इसके अलावा भी रेलवे यात्री के लिए दर्जनों सुविधाओं का ख्याल रखता है. सभी सुविधाओं में विभाग का ही पैसा खर्च होता है. इसलिए सीनियर सिटिजन को रियायत फिलहाल संभव नहीं है.
HIGHLIGHTS
- रेल मंत्री ने पेंशन और वेतन में बहुत अधिक खर्चा होने का दिया हवाला
- कोविड-19 के चलते बंद कर दी थी रेलवे ने सीनियर सिटिजन की रियायत
Source : News Nation Bureau