Indian Railway Rule Changes: ट्रेन में सफर करने वाली महिलाओं के लिए खुशखबरी है. क्योंकि नए नियमों के तहत महिलाएं कुछ कंडीशन में बिना टिकट भी ट्रेन में यात्रा कर सकती हैं. इन स्थितियों में यदि महिला यात्री ने टिकट नहीं लिया है तो टीटीई यात्रा को वैध मानेगा. यही नहीं रात ज्यादा होने पर महिला यात्री को घर तक छोड़ने की जिम्मेदारी भी रेलवे की होती है. आपको बता दें कि 1989 में अकेले सफर कर रही महिलाओं के सुरक्षा की दृष्टिकोण को देखते हुए ये नियम बनाया था. जिसमें कुछ संसोधन किया गया है. साथ ही महिलाओं को नियम के तहत यात्रा कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है..
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विशेष परिस्थितियों में मिलती है छूट
दरअसल, यदि महिला यात्री किसी वजह से टिकट नहीं ले पाई है. टीटीई उसे बिना टिकट भी यात्रा की अनुमित देगें. यही नहीं यदि टाइम रात का है तो उसे गणत्व्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी रेलवे की होगी. फिलहाल नियमों में कुछ संसोधन किया गया है. यदि महिला की ट्रेन छूटने वाली है अथवा किन्हीं अन्य कारणों से महिला के पास टिकट नहीं है तो वह टीटीई से संबंधित रेलवे स्टेशन से अपने गणत्वय स्टेशन तक का टिकट प्राप्त कर सकती हैं. ये सुविधा उन्हें रेल कोच में ही मिल जाएगी. साथ ही टीटीई को उनकी यात्रा को वैध करार देना होगा.
प्लेटफॅार्म टिकट होना जरूरी
दो साल पहले ट्रेन में यात्रा के नियमों को रिवाइज किया गया था. जिसमें बताया गया था कि यदि किन्ही वजह से कोई भी यात्री टिकट नहीं ले पाया है तो उसे प्लेटफॅार्म टिकट जरूर ले लेना चाहिए. साथ ही टीटीई के पास जाकर प्लेटफॅार्म टिकट के आधार पर अपने गणत्वय तक का टिकट बनवाना होगा. इसके लिए उन्हें कोई भी अतिरिक्त चार्ज नहीं देना होगा. आपको बता दें कि ऐसा इस स्थिति में संभव था, यदि आपको कहीं अचानक जाना पड़ गया और आपने रिजर्वेशन नहीं कराया है तो आप प्लेटफॅार्म टिकट लेकर रेल चढ़ सकते हैं.
HIGHLIGHTS
- रात में महिला यात्री को गणत्वय तक पहुंचाने की भी जिम्मेदारी
- 1989 में महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाया गया था कानून
- बिना टिकट भी कानूनी रूप से वैध मानी जाएगी महिलाओं की यात्रा
Source : News Nation Bureau