Indian Railway : अगर आप ट्रेनों में यात्रा करने वाले हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद ही जरूरी है. भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने वेटिंग टिकट का भी तोड़ निकाल लिया है. यात्रियों को अब वेटिंग टिकट (waiting ticket) अपने आप कंफर्म हो जाएगा. इसके लिए इंडियन रेलवे ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम (AI) तैयार किया है. इस प्रोग्राम के तहत वेटिंग टिकट की लिस्ट को 5 से 6 प्रतिशत कम किया जा सकता है.
यह भी पढ़ें : Bharat Jodo Yatra : दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक पर उठाए सवाल तो BJP ने किया पटलवार
भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने इन हाउस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम तैयार किया है. भारतीय रेलवे की सॉफ्टवेयर शाखा सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम ने आइडियल ट्रेन प्रोफाइल तैयार किया है. हालांकि, इस प्रोग्राम में अभी राजधानी एक्सप्रेस सहित 200 ट्रेनों की सूचना को फीड किया गया है. बाद में इस प्रोग्राम की जांच की गई तो मिला कि अधिकांश वेटिंग टिकट कंफर्म हो चुके थे.
एआई प्रोग्राम के तहत देखा गया कि यात्रियों ने कैसे टिकट बुक किया? कहां तक के लिए अधिकांश टिकट बुक हुए? साल में सबसे ज्यादा किन-किन स्टेशनों के बीच सीट की अधिक मांग रही? सफर के दौरान किस हिस्से में कौन-सी सीटें ज्यादा खाली रहीं? साल के किस महीने में सीटों की मांग अधिक रही, इस पर अध्ययन चल रहा है.
भारतीय रेलवे बोर्ड (Indian Railway) के एक अफसर के मुताबिक, हर ट्रेन के अलग-अलग रिजल्ट सामने आए हैं. स्टडी में पता चला कि अगर एक ट्रेन के 60 स्टॉपेज हैं तो उसमें 1800 टिकट कॉम्बिनेशंस बन हैं. अगर किसी ट्रेन के सिर्फ दस स्टॉपेज हैं तो 45 टिकट कॉम्बिनेशंस बने हैं. अगर आप 120 दिन पहले किसी ट्रेन का रिजर्वेशन करना सकते हैं, इसका भी ट्रायल लाइव हुआ, जिसके अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं.
यह भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट ने अनिल देशमुख को मिली जमानत के खिलाफ सीबीआई की याचिका की खारिज
अगर किसी अपर क्लास के यात्री को कंफर्म टिकट नहीं मिला और वह फ्लाइट या रोड रूट से ट्रेवल करता तो उससे रेलवे को नुकसान झेलना पड़ता है. रेलवे (Indian Railway) के एक अधिकारी ने बताया है कि रेलवे हर साल एआई की मदद से प्रति ट्रेन एक करोड़ का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त कर सकता है. समय के अनुसार एआई का जितना अपडेट वर्जन आएगा उतना ही यह और सटीक होता जाएगा.