भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने यात्रियों को बड़ा झटका देते हुए 30 जून 2020 तक और उससे पहले की आरक्षित सभी टिकटों को कैंसिल करने का फैसला किया है. 30 जून 2020 से पहले सभी टिकटों का रिफंड दे दिया जाएगा. हालांकि स्पेशल ट्रेन और श्रमिक स्पेशल ट्रेन (Shramik Special Trains) चलते रहेंगे. इसका मतलब यह हुआ कि जून से पहले रेलवे नियमित ट्रेनों को नहीं चलाएगा. कोरोना वायरस के चलते देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की ओर से लागू किए गए लॉकडाउन के चलते रेलवे ने यह फैसला लिया है.
रेलवे ने एक और बड़ा बदलाव किया है. टिकट बुकिंग फॉर्म में पहले एक जगह पता भरना होता था, वहीं अब यात्री को जहां जाना है वहां का भी पता दर्ज करना होगा. स्पेशल ट्रेनों में यह नियम लागू कर दिया गया है. रेलवे ने एक अन्य आदेश में कहा है कि जिनको कोरोना वायरस के लक्षण के कारण यात्रा की परमिशन नहीं मिलेगी, उनके टिकट का पूरा पैसा रिफंड किया जाएगा.
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इससे पहले रेलवे ने 17 मई तक की बुक हुई टिकटों को रद्द कर दिया था. रेलवे की ओर से कहा गया था कि ऑनलाइन टिकट के पैसे खुद ब खुद खाते में वापस हो जाएंगे और काउंटर से टिकट लेने वाले लोग 31 जुलाई तक अपने पैसे वापस ले सकते हैं.
रेलवे ने यात्री सेवाएं निलंबित करते हुए कहा था कि कोविड-19 लॉकडाउन के मद्देनजर किए गए एहतियातन उपायों को ध्यान में रखते हुए प्रीमियम ट्रेनें, मेल/एक्सप्रेस, यात्री ट्रेनें, उपनगरीय ट्रेनें, कोलकाता मेट्रो रेल, कोंकण रेलवे सहित सभी यात्री सेवाएं निलंबित रखने का फैसला किया गया है.
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देशभर में लॉकडाउन के कारण 22 मार्च से ट्रेनें बंद हैं, लेकिन 14 अप्रैल तक रिजर्वेशन हो रहा था. 22 मार्च से पहले भी लाखों लोगों ने ऑनलाइन और काउंटर के जरिए टिकट खरीदे थे. हालांकि, लॉकडाउन के ऐलान के बाद ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया.
मोदी सरकार (Modi Government) ने सोमवार को कहा कि इससे पहले रेलवे ने प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिए रोजाना 100 श्रमिक विशेष ट्रेन चलाने का फैसला किया था. इसके अलावा 12 मई से कुछ स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं.
Source : News Nation Bureau