भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने कहा है कि वह प्रत्येक पृथक-वास कोच के रखरखाव, मरीजों के लिये कपड़े और भोजन, कर्मचारियों के लिए सुरक्षा उपकरण और अन्य आवश्यक वस्तुओं पर दो लाख रुपये खर्च कर रहा है. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी के यादव ने कहा कि पृथक-वास कोच में बदले गए 5,213 कोचों के लिए यह रेलवे का बजटीय अनुमान है. इसके लिए पहले ही केंद्रीय कोविड देखभाल कोष से पैसा मिल चुका है. उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय (Railway Ministry) को इस कोष से अब तक 620 करोड़ रुपये आवंटित हुआ है.
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उन्होंने कहा कि ये सारे खर्च कोविड कोष से मिले हैं. प्रत्येक पृथक-वास कोच के रखरखाव, मरीजों के लिये कपड़े और भोजन, साफ-सफाई कर्मचारियों के लिए सुरक्षा उपकरण और अन्य आवश्यक वस्तुओं पर दो लाख रुपये खर्च का अनुमान है. हम अब तक 5,000 कोच के लिए 300 करोड़ रुपये आवंटित कर चुके हैं. हम खर्च पर नजर रखे हुए हैं. यादव ने कहा कि अच्छी बात यह है कि उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से लोगों ने काम पर लौटना शुरू कर दिया है. प्रवासी कामगार वापस उन राज्यों को जा रहे हैं, जहां से वह कोरोना वायरस (COVID-19) के चलते लौटे थे.
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विशेष ट्रेनों में यात्रियों की संख्या पर नजर: रेलवे
उन्होंने कहा कि हम विशेष ट्रेनों में यात्रियों की संख्या पर नजर रखे हुए हैं. जल्द ही हम राज्यों की मांग, यात्रियों की संख्या और कोविड के हालात के हिसाब से और विशेष ट्रेनें चलाएंगे. यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से बड़े शहरों की ओर जा रही ट्रेंनों में यात्रियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इससे आर्थिक हालात में सुधार का संकेत मिलता है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से उत्पन्न हालात के मद्देनजर निकट भविष्य में सभी ट्रेनें चला पाना संभव नहीं लगता. यादव ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत छह राज्यों में 160 परियोजनाओं की पहचान की गई है. इससे वापस लौटे प्रवासी कामगारों के लिये नौ लाख कार्य दिवस की व्यवस्था होगी.
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25 जून तक 4594 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन
उन्होंने कहा कि रेलवे ने 25 जून तक 4594 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया है और एक मई से इनमें 62.8 लाख यात्रियों ने सफर किया. रेलवे ने कहा है कि राज्यों से अनुरोध होने पर किसी भी स्थान से 24 घंटे के भीतर ट्रेनों का परिचालन होगा. अध्यक्ष ने कहा कि मार्ग में आवाजाही सुगम बनाने और सुरक्षा के लिए लॉकडाउन के दौरान 200 महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा किया गया. मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन परियोजना की स्थिति के बारे में एक सवाल पर यादव ने कहा कि 60 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण हो चुका है और परियोजना जारी है.