जर्मनी की विमानन कंपनी लुफ्थांसा एयरलाइंस (Lufthansa Airlines) 13 अगस्त से फ्रैंकफर्ट से दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू की उड़ान सेवा शुरू करेगी. इसके लिए दोनों सरकारों के बीच द्विपक्षीय समझौता हुआ है. कंपनी म्यूनिख से दिल्ली मार्ग पर भी अपनी सेवाएं देगी. लुफ्थांसा के द्वारा जारी बयान के मुताबिक वह भारत के बाहर पिछले कई महीनों से फ्रैंकफर्ट और म्यूनिख से अपनी सेवाएं संचालित कर रही है. भारत और जर्मनी के बीच हुए द्विपक्षीय समझौते के तहत भारत के लिए यात्री उड़ान सेवाएं (International Flight) 13 अगस्त से दोबारा शुरू होंगी.
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जर्मनी से भारत के लिए उड़ान शुरू होने से लोगों को होगा फायदा
लुफ्थांसा एयरलाइंस के समूह निदेशक (दक्षिण एशिया बिक्री) जॉर्ज एट्टियिल ने कहा कि जर्मनी से भारत के लिए उड़ान शुरू होने से लुफ्थांसा लोगों को भारत लौटने में मदद कर सकेगी. साथ ही कारोबारी यात्राएं शुरू हो सकेंगी क्योंकि दुनिया धीरे-धीरे लॉकडाउन से बाहर आ रही है. देश में लॉकडाउन की घोषणा के बाद से मार्च से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पाबंदी है. हालांकि इस दौरान विदेशों में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी के लिए सरकार ने वंदे भारत मिशन का परिचालन किया.
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वंदे भारत अभियान के तहत विदेश से वापस लाए गए साढ़े नौ लाख भारतीय
बता दें कि भारत सरकार के वंदे भारत अभियान के तहत लगभग साढ़े नौ लाख भारतीयों को विदेश से वापस लाया जा चुका है. विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने के उद्देश्य से चलाया गया यह सबसे बड़ा अभियान है. कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सात मई को इस अभियान की शुरुआत की गई थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि वंदे भारत अभियान में हम दस लाख के आंकड़े को छूने वाले हैं. फंसे हुए भारतीयों को वापस लाने के लिए चलाया गया यह सबसे बड़ा अभियान है. उन्होंने कहा कि अब तक इस अभियान के तहत लगभग साढ़े नौ लाख भारतीय घर आ चुके हैं। वर्तमान में हम अभियान के पांचवें चरण में हैं. यह अभियान एक अगस्त को शुरू हुआ था. श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय दूतावासों से आई मांग के आधार पर 60 और उड़ानों की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही इस महीने उड़ानों की संख्या बढ़कर 746 हो गई. उन्होंने कहा कि इस चरण में विदेश में फंसे 1,30,000 से अधिक भारतीयों को वापस लाने का लक्ष्य रखा गया है.