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Medicine Rule: महंगी दवाई लिखने वाले डॅाक्टर्स पर शिकंजा, सख्त कार्रवाई के निर्देश

No Expensive Medicine: आजकल सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों ने भी कमीशन के चक्कर में महंगी दवाएं लिखने की आदत बना ली है. जिससे गरीब मरीज की जेब पर सरेआम डाका डाला जा रहा है.

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Sunder Singh
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सांकेतिक इमेज ( Photo Credit : News nation)

 No Expensive Medicine: आजकल सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों ने भी कमीशन के चक्कर में महंगी दवाएं लिखने की आदत बना ली है. जिससे गरीब मरीज  की जेब पर सरेआम डाका डाला जा रहा है. आचार संहिता से पहले ही देशभर के सभी सरकारी व प्राइवेट चिकित्सकों को सिर्फ जेनरिक दवाइयां (generic drugs) लिखने के निर्देश जारी किये गए थे. लेकिन अभी भी कमीशन के खेल के चलते डॅाक्टर्स पेटेंड दवाएं ही लिख रहे हैं. साथ ही दवा कंपनियों से मोटा धन वसूल भी कर रहे हैं. सरकार का मानना है कि हर मरीज महंगी दवाई खरीदने की स्थिति में नहीं होता. इसलिए सभी चिकित्सक सस्ती व जेनरिक दवाइयां ही लिखें. ताकि मरीज का उपचार ठीक से हो सके. 

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हर मरीज नहीं खरीद पाता दवाई

दरअसल,  देश में हर मरीज ऐसा नहीं है जो महंगी दवाई खरीद सके. इसलिए कई मरीज तो अपना उपचार ही पूरा नहीं करा पाते. समस्या को गंभीरता से लेते हुए हेल्थ मंत्रालय देश के सभी डॅाक्टर्स को  हिदायत दी थी कि कमीशन के चक्कर में किसी की जिंदगी से खिलवाड़ न करें. अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहे. हालांकि अब देश में चुनाव चल रहे हैं. जिसके चलते आचार संहिता लगी है. बताया जा रहा है कि सरकार बनने के 100 दिन के अंदर महंगी दवाएं लिखने वाले चिकित्सकों को पर कार्रवाई निश्चित बताई जा रही है. आपको बता दें कि देश के हर शहर में जन औषधी केन्द्र मौजूद है. जहां जरूरतमंद  को आसानी से सस्ती व जेनरिक दावएं मिल सकती हैं. ऐसे में गरीब से गरीब मरीज भी अपना इलाज करा सकता है. 

सिर्फ जेनरिक दवाएं लिखें चिकित्सक 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोई भी चिकित्सक कोशिश करे की प्राथमिकताओं पर जेनरिक दवाएं लिखें. क्योंकि जेनरिक दवाएं सस्ती होती हैं. जिन्हें कोई भी मरीज आसानी से खरीद सकता है. आपको बता दें कि यदि कोई सरकारी चिकित्सक बाहर से महंगी दवाई लिखता है तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. कमीशन के खेल में किसी भी डॅाक्टर्स को मरीज की जान से खिलवाड़ का अधिकार नहीं है.. इसके पीछे सरकार का उद्देश्य जहां गरीब मरीजों का पैसा बचाना है. वहीं जेनरिक दवाओं को बढ़ावा देना भी है.

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HIGHLIGHTS

  • बाहर से सिर्फ जेनेरिक दवाएं लिखने के ही निर्देश
  • महंगी दवाई खरीद पाना हर मरीज के बजट की बात नहीं
  • डॅाक्टर्स की मनमानी को लेकर एक्शन मोड़ में आई सरकार

Source : News Nation Bureau

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