जानें रेल मंत्रालय क्यों करेगा प्राइवेट ट्रेनों के टेंडर का दोबारा मूल्यांकन

अधिकारियों ने बताया कि प्राइवेट कंपनियों की ओर से कम हिस्सेदारी के कारण मंत्रालय अब टेंडर प्रोसेस पर दोबारा विचार कर रहा है. विचार-विमर्श के बाद नया टेंडर मंगाया जा सकता है.

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Ritika Shree
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भारतीय रेलवे( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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निजी ट्रेनों के मामले में भारतीय रेलवे (Indian Railway) को बड़ा झटका लगा है. रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) ने प्राइवेट ट्रेनों (Private Trains) के लिए 30,000 करोड़ रुपये के टेंडर का दोबारा मूल्यांकन करने का फैसला किया है. निजी ट्रेनों के टेंडर में वेलस्पन एंटरप्राइसेज लिमिटेड, मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स लिमिटेड, गेटवे रेल फ्रेट लिमिटेड, क्यूब हाइवेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, एलएंडटी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, भेल और आईआरसीटीसी ने शुरुआत में रुचि दिखाई थी. रेल मंत्रालय की ओर से फरवरी 2021 तक क्लस्टर्स दिए जाने की उम्मीद थी. इस प्रक्रिया में देरी हो गई और जुलाई 2021 में फाइनेंशियल बिड्स खुलने पर केवल दो कंपनियां मेघा इंजीनियरिंग (Megha Engineering) और आईआरसीटीसी (IRCTC) ही बच गईं. 

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दरअसल, प्राइवेट ट्रेन टेंडर के लिए निजी कंपनियों की ओर से अच्‍छी प्रतिक्रिया नहीं मिली. इस टेंडर प्रोसेस (Tender Process) की शुरुआत जुलाई 2020 में हुई थी. शुरुआती दौर में 12 क्लस्टर्स के लिए 15 कंपनियों से आवेदन मिले थे. हालांकि, फाइनेंशियल बिड (Financial Bid) के लिए सिर्फ दो कंपनियां ही बचीं. अधिकारियों ने बताया कि प्राइवेट कंपनियों की ओर से कम हिस्सेदारी के कारण मंत्रालय अब टेंडर प्रोसेस पर दोबारा विचार कर रहा है. विचार-विमर्श के बाद नया टेंडर मंगाया जा सकता है. इस प्रोजेक्ट में प्राइवेट कंपनियों की ओर से 30,000 करोड़ रुपये का निवेशक होने का अनुमान था.

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इसमें ट्रेनों की मैन्युफैक्चरिंग देश में ही होनी थी और प्राइवेट कंपनी को ट्रेनों की फाइनेंसिंग, प्रोक्योरमेंट, ऑपरेशंस और मेंटेनेंस की जिम्मेदारी दी जानी थी. इन ट्रेनों में ड्राइवर और गार्ड भारतीय रेलवे के होने थे. प्राइवेट कंपनी की ओर से रेलवे को फिक्स्ड हॉलेज चार्ज, एनर्जी चार्ज और बिडिंग के जरिये तय हुई सकल आय (Gross Revenue) में हिस्सेदारी का भुगतान करना था. भारतीय रेल मंत्रालय ने पूरे देश में 12 क्लस्टर्स में प्राइवेट यात्री ट्रेनें चलाने के लिए बोली मांगी थी. इनमें से सिर्फ 3 क्लस्टर के लिए ही बोली लगाई गई है. ये ट्रेनें 109 रूट्स पर चलाए जाने की योजना थी. एक सरकारी अधिकारी ने बताया प्राइवेट यात्री चलाई जाने की पूरी प्रक्रिया का ही फिर से मूल्यांकन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बोली मांगी की अभी की प्रक्रिया को दोबारा मूल्यांकन के पूरा हो जाने के बाद रद्द भी किया जा सकता है.

HIGHLIGHTS

  • प्राइवेट ट्रेन टेंडर के लिए निजी कंपनियों की ओर से अच्‍छी प्रतिक्रिया नहीं मिली
  • इस टेंडर प्रोसेस की शुरुआत जुलाई 2020 में हुई थी
  • शुरुआती दौर में 12 क्लस्टर्स के लिए 15 कंपनियों से आवेदन मिले

Source : News Nation Bureau

Indian Railway Ministry of Railways re-evaluate tender Private Trains
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