Family Card: बेरोजगारी का दंश झेल रहे लोगो के लिए खुशखबरी है. एक बार फिर उत्तर प्रदेश के योगी सरकार ने फैमिली कार्ड को लेकर अधिकारियों के पेच कशना शुरू कर दिया है. सूत्रों का दावा है कि फैमिली कार्ड का मतलब परिवार की पहचान के साथ बेरोजगारी की दर को जनना भी है. क्योंकि चुनावी घोषणा पत्र में साफ कहा गया था कि फैमिली कार्ड के माध्यम से बेरोजागरों का डाटा बैंक बनाया जाएगा. उसके बाद हर घर से एक व्यक्ति को रोजगार देने की बात कही गई थी. जिसके लिए अब कवायद शुरू कर दी गई है. हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैमिली कार्ड को लेकर समीक्षा बैठक भी की थी...
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क्या है सरकार का उद्देश्य
आपको बता दें कि फैमिली कार्ड के पीछे सरकार का उद्देश्य राज्य की आर्थिक स्थिति को और मजबूत करना बताया जा रहा है. आपको बता दें कि सरकार मिशन रोजगार (Mission Rozgar)के तहत अलग-अलग योजनाओं और रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी. आपको बता दें कि चुनाव से पहले ही घोषणापत्र में बीजेपी ने दावा किया था कि वे हर हाथ को काम देने पर विश्वास करते हैं. इसलिए सरकार बनते ही पहली ही कैबिनेट में फैमिली कार्ड की बात कही गई थी. लेकिन कुछ दिन बाद मिशन रोजगार धीमा पड़ गया था. एक बार फिर फैमिली कार्ड बनाने पर जोर दिया जा रहा है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार अब हर हाथ को काम देने के लिए गंभीर नजर आ रही है...
आधार से लिंक किया जाएगा परिवार कार्ड
आपको बता दें कि परिवार कार्ड को आधार से लिंक किया जाएगा. इस आधार पर सरकार के पास सटीक जानकारी होगी कि किन परिवारों में एक भी व्यक्ति रोजगार से नहीं जुड़ा हुआ है. परिवार की सामाजिक स्थिति क्या है. इस आधार पर सरकार अपनी विभिन्न रोजगार योजना से जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराएगी. जानकारी के मुताबिक, हर परिवार का फैमिली कार्ड (family card) नहीं बन जाता, तब तक राशन कार्ड को भी बेरोजगारी का आधार माना जाएगा. साथ ही जिस परिवार में पहले सो कोई सरकारी अथवा गैरसरकारी नौकरी पर हैं, उन्हें स्कीम से बाहर रखा जाएगा.
HIGHLIGHTS
- यूपी में परिवार कार्ड के माध्यम से बेरोजगारों को चिंहित कर रही सरकार
- परिवार के एक सदस्य को रोजगार देने का खाका हुआ तैयार
- घोषणापत्र में ही बीजेपी ने किया था रोजगार देने का वायदा
Source : News Nation Bureau