केन्द्र की मोदी सरकार (Modi government)किसानों की आय दोगुनी करने और आम जनता को पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel prize)से मुक्ति दिलाने के लिए कदम उठा चुकी है. आपको बता दें केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari)इसके संकेत गोवा और मेरठ में चुनावी सभाओं के दौरान दे चुके हैं. बताया जा रहा है कि सरकार जनता को महंगे पेट्रोल-डीजल से बचाने के लिए अब फ्लेक्स ईंधन (Flex-Fuel)अनिवार्य करने जा रही है. जिसके बाद पेट्रोल डीजल की निर्भरता (petrol diesel dependency)अपने आप ही कम हो जाएगी. यही नहीं सरकार के इस कदम से किसानों की आमदनी (farmers' income)भी बढ़ जाएगी. एक कार्यक्रम में बोलते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि यह ईंधन पूरी तरह से किसान पर निर्भर होगा. जिसके बाद किसान भी व्यापारी बनने की और कदम बढ़ा चुका होगा.
दरअसल, चुनावी सभाओं के दौरान बीजेपी नेताओं को महंगे पेट्रोल-डीजल (expensive petrol and diesel)
और गैस सिलेंडर को लेकर जनता काफी खरी-खोटी सुना रही है. ऐसे में बीजेपी नेताओं के पास सिर्फ एक ही मंत्र है, वो नितिन गड़करी का फ्लेक्स ईंधन वाला आइडिया. हाल ही में एक सभा के दौरान नितिन गडकरी मंच से घोषणा भी कर चुके हैं कि वे बहुत जल्द देश में फ्लेक्स ईंधन की शुरुवात करने वाले हैं. जिससे आम जनता को काफी राहत मिलेगी. क्योंकि जब इस ईंधन से गाड़ियां चलने लगेंगी तो उनका खर्च घटकर लगभग आधा हो जाएगा. उन्होने एक आंकड़े के अनुसार बताया कि जैसे ही फ्लेक्स की ईंधन (Flex-Fuel) की प्रति लीटर की कॅास्ट लगभग 45 से 50 रुपए प्रति लीटर तक पड़ेगी. इसके लिए उन्होने कार निर्माता कंपनियों से बात कर ली है. अलगे 6 माह में देश में फ्लेक्स ईंधन की गाड़ियां सड़कों पर फर्राटा भरती नजर आएंगी.
ऐसे करेगा काम
आपको बता दें कि फ्लेक्स-ईंधन ( Flex-Fuel) फ्लेक्स-फ्यूल कारों (flex-fuel car) और फ्लेक्स फ्यूल (flex-fuel) की चर्चा हो रही है. आपको बताते हैं आखिरकार फ्लेक्स-फ्यूल (What is flex-fuel) आखिर है क्या ? फ्लेक्स-फ्यूल के जरिए आप अपनी कार को एथनॉल के साथ मिश्रित ईंधन पर चला सकते हैं. यानि फ्लेक्स-फ्यूल गैसोलीन और मेथनॉल या एथनॉल के संयोजन से बना एक वैकल्पिक ईंधन है. एक फ्लेक्स-इंजन मूल रूप से एक मानक पेट्रोल इंजन है, इस ईंधन से आपकी कार बहुत ही सस्ते दामों में फर्राटा भरेगी. क्योंकि इसकी खपत और लागत दोनों ही पेट्रोल-डीजल की तुलना में काफी कम हैं. केन्द्र सरकार का मानना है कि यदि वे इस ईंधन को अनिवार्य करते हैं तो लोगों को विकल्प के रूप में एक ईंधन मिल जाएगी. जिसके बाद पेट्रोल-डीजल की डिमांड कम हो जाएगी.
HIGHLIGHTS
- केन्द्र की मोदी सरकार इस इंधन को करने जा रही है कारों में अनिवार्य
- किसानों की आय दोगुनी होने करने वाली योजना को भी मिलेगा बल
- केन्द्रीय मंत्री चुनावी सभा में कर चुके हैं इसकी घोषणा
Source : News Nation Bureau