केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार देश में ई-कॉमर्स के नियमों में संशोधन करने और सख्त मानदंड लाने की तैयारी में है. सरकार के नए नियमों से बहुचर्चित Flash Sale पर पाबंदी लग सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 (Consumer Protection (E-commerce) Rules, 2020) में संशोधन करने के लिए सुझाव आमंत्रित किए हैं. सरकार ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर गलत जानकारी और बंपर छूट के साथ धोखाधड़ी पूर्ण बिक्री पर प्रतिबंध लगाने और डीपीआईआईटी के साथ इन कंपनियों का पंजीकरण अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखते हुए सुझाव मांगे हैं.
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मोदी सरकार के द्वारा इंटरनेट पर खोज परिणामों में हेराफेरी करके यूजर्स को गुमराह करने पर रोक लगाने और मुख्य अनुपालन अधिकारी एवं निवासी शिकायत अधिकारी की नियुक्ति समेत कुछ अन्य संशोधनों पर भी विचार किया जा रहा है. प्रस्तावित संशोधनों में ई-कॉमर्स कंपनियों को किसी भी कानून के तहत अपराधों की रोकथाम, पता लगाने, जांच करने और अभियोजन के लिए सरकारी एजेंसी से आदेश मिलने के 72 घंटे के भीतर सूचना मुहैया करानी जरूरी होगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले साल जुलाई में उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 को पहली बार नोटिफाई किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसका उल्लंघन करने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है.
आप भी भेज सकते हैं सुझाव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स संस्थाओं को उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) में रजिस्ट्रेशन कराने की योजना बनाई है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने एक सार्वजनिक सूचना में कहा है कि 15 दिन के भीतर (6 जुलाई, 2021 तक) प्रस्तावित संशोधनों पर विचार, टिप्पणियां और सुझाव ईमेल के द्वारा जेएस-सीए@एनआईसी.आईएन (js-ca@nic.in) पर भेजा जा सकता है.
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हालांकि सरकार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक पारंपरिक तौर पर आयोजित होने वाली ई-कॉमर्स रियायती बिक्री पर प्रतिबंध नहीं लगेगा. बता दें कि कंपनियां सिर्फ विशिष्ट तौर पर ग्राहकों को घेरने के लिहाज से की जाने वाली बिक्री या बार-बार फ्लैश बिक्री और कीमतों में बढ़ोतरी करती है. इसके अलावा यह सभी के लिए एक समान अवसर वाला मंच उपलब्ध कराने से भी रोकती है, ऐसी बिक्री की अब अनुमति कंपनियों को नहीं होगी.
HIGHLIGHTS
- सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 में संशोधन करने के लिए सुझाव आमंत्रित किए
- उल्लंघन करने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है