Advertisment

अब 5 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे कर्मचारी, मोदी सरकार बदल सकती है ये नियम

सरकार के इस फैसले से कंपनियों की बैलेंस शीट भी प्रभावित होती इसलिए सरकार पिछले साल संसद में पास किए गए तीन मजदूरी संहिता विधेयक (कोड ऑन वेजेज बिल) को इस साल 1 अप्रैल से लागू कर सकती है.

author-image
Kuldeep Singh
New Update
office work

5 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे कर्मचारी, मोदी सरकार बदलेगी ये नियम( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

मोदी सरकार कर्मचारियों के हितों से जुड़ा बड़ा फैसला लेने जा रही है. 1 अप्रैल 2021 से आपकी ग्रेच्युटी, पीएफ और काम के घंटों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. एक तरफ जहां आपकी ग्रेच्युटी और भविष्य निधि (पीएफ) मद में बढ़ोतरी होगी वहीं, हाथ में आने वाला पैसा (टेक होम सैलरी) घटेगा. हालांकि सरकार काम करने के घंटों को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है. सरकार के इस फैसले से कंपनियों की बैलेंस शीट भी प्रभावित होती इसलिए सरकार पिछले साल संसद में पास किए गए तीन मजदूरी संहिता विधेयक (कोड ऑन वेजेज बिल) को इस साल 1 अप्रैल से लागू कर सकती है.   

मजदूरी की बदलेगी परिभाषा
सरकार वेज (मजदूरी) की परिभाषा बदलने जा रही है. अब भत्ते कुल सैलेरी के अधिकतम 50 फीसदी होंगे. इस फैसले का मतलब यह होगा कि मूल वेतन (सरकारी नौकरियों में मूल वेतन और महंगाई भत्ता) अप्रैल से कुल वेतन का 50 फीसदी या अधिक होना चाहिए. यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि देश में 73 सालों में पहली बार श्रम कानूनों में बदलाव किया जा रहा है. सरकार दावा कर रही है कि नया श्रम कानून नियोक्ता और श्रमिक दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा. 

यह भी पढ़ेंः भारतीय रेलवे ने बनाया नया कीर्तिमान, 5 इंजन वाले वासुकी ट्रेन को पटरियों पर दौड़ाया

काम के घंटे 12 घंटे बदलने का प्रस्ताव
सरकार ने जो नया ड्राफ्ट तैयार किया है उसके मुताबिक कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया है. वहीं ओएसएच कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है. अभी तक के नियमों के मुताबिक 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम नहीं माना जाता है. ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने को प्रतिबंधित किया गया है. कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का विश्राम देने के निर्देश भी ड्राफ्ट नियमों में शामिल हैं.

यह भी पढ़ेंः श्रद्धालुओं के लिए अच्‍छी खबर, IRCTC चलाएगी 4 तीर्थयात्री विशेष ट्रेनें

सरकार की ओर से जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है उसके मुताबिक मूल वेतन कुल वेतन का 50% या अधिक होना चाहिए. इससे ज्यादातर कर्मचारियों की वेतन संरचना बदलेगी, क्योंकि वेतन का गैर-भत्ते वाला हिस्सा आमतौर पर कुल सैलेरी के 50 फीसदी से कम होता है. ग्रेच्युटी और पीएफ में योगदान बढ़ने से रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि में इजाफा होगा. इससे लोगों को रिटायरमेंट के बाद सुखद जीवन जीने में आसानी होगी. उच्च-भुगतान वाले अधिकारियों के वेतन संरचना में सबसे अधिक बदलाव आएगा और इसके चलते वो ही सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे.  

Source : News Nation Bureau

Modi Government epfo PF मोदी सरकार retirement ईपीएफओ रिटायरमेंट पीएफ पर ब्याज पीएफ interest on PF
Advertisment
Advertisment