नए साल से डिजिटल ट्रांजेक्शन करने वाले लोगों को सरकार और सहूलियत देने का जा रही है. सरकार की ओर से एक बड़ी घोषणा की गई है. इसके तहत 1 जनवरी 2020 से रुपे कार्ड (RuPay Card) और UPI से ट्रांजेक्शन करने पर किसी तरह का मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) शुल्क नहीं लगेगा. इसके साथ ही अगर किसी बिजनेस का टर्नओवर 50 करोड़ से ज्यादा है तो उसे हर हाल में ये दो डिजिटल पेमेंट विकल्प रखने होंगे. अब वह अपने ग्राहकों से इसके जरिए पेमेंट पर किसी तरह का MDR शुल्क वसूल नहीं करेंगे.
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2000 तक के पैमेंट पर नहीं लगता शुल्क
शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विभिन्न बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक की थी. उन्होंने इस बैठक में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए कई फैसले लिए. वित्त मंत्री ने कहा कि बजट 2019 में इसकी घोषणा की गई थी जिसे अब लागू किया जा रहा है. इससे पहले RBI के निर्देश के मुताबिक, 2000 रुपये तक के पेमेंट पर कोई एमडीआर (MDR) शुल्क नहीं वसूला जाता है. बैंकों से कहा गया है कि वह यूपीआई ट्रांजैक्शन और रुपे कार्ड के प्रचार के लिए अभियान चलाए.
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क्या होता है MDR शुल्क
जब कोई ग्राहक किसी भी मर्चेंट के पॉइंट-ऑफ-सेल्स (POS) मशीन से अपने डेबिट कार्ड को स्वाइप करता है तो मर्चेंट को अपने सर्विस प्रोवाइडर को एक शुल्क का भुगतान करना पड़ता है, जिसे एमडीआर शुल्क कहते हैं. इसके साथ ही क्यूआर कोड आधारित ऑनलाइन लेनदेन पर भी एमडीआर शुल्क देना पड़ता है.
HIGHLIGHTS
- 1 जनवरी से रुपे कार्ड से ट्रांजेक्शन पर अब नहीं लगेगा MDR शुल्क
- UPI ट्रांजेक्शन पर भी अब एमडीआर शुल्क नहीं लगेगा
- 2000 रुपये तक ट्रांजेक्शन पर पहले से ही MDR शुल्क नहीं लग रहा है
Source : News Nation Bureau