दिल्ली परिवहन विभाग के जॉइंट कमिश्नर नवलेन्द्र कुमार सिंह ने न्यूज़ नेशन को बताया कि यदि आपके पास अपने वाहन के लिए वैलिड प्रदूषण प्रमाण पत्र (पीयूसी) नहीं है, तो 10,000 रुपये का जुर्माना झेलने के लिए तैयार रहें. हो सकता है कि आपको चालान लेने के लिए घर से बाहर भी न निकलना पड़े. आपके घर पर ही चालान आ जाएगा. दरअसल दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग अगले सप्ताह से एक ऐसी प्रणाली स्थापित करने की योजना बना रही है जो विभाग को उन वाहन मालिकों को ई-चालान भेजने की अनुमति देती है जिन्होंने वाहनों की प्रदूषण जांच नहीं कराई है या अपने पीयूसी को रिन्यू नहीं करवाया है.
यह भी पढ़ें : अब गाड़ी धीमी चलाने पर भी कटेगा 2000 रुपए चालान, सरकार ने जारी किया नया आदेश
इन वाहन मालिकों को उनके रजिस्टर्ड नंबरों पर आनलाइन या एसएमएस के जरिये नोटिस भेजा जाएगा. इस बीच इन्हें 15 दिन का वक्त दिया जाएगा. इस दौरान उन्हें वाहन की जांच करवानी होगी और नया पीयूसीसी बनवाना होगा। जो लोग इसके नियमो का उल्लंघन करते हैं, उन्हें चालान घर पर भेजा जाएगा.अब तक सिर्फ फील्ड पर ही चालान काटे जाते थे.फिलहाल दिल्ली में ई चालान सिर्फ दिल्ली में रजिस्टर्ड वाहनों पर ही होगा जबकि फील्ड में ट्रैफिक पुलिस दिल्ली एनसीआर और अन्य राज्यों की उन गाड़ियों का ऑफ़लाइन चालान कर सकती है जिनके पास प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं है.
प्रमाणपत्र होना आवश्यक है.
आपको बता दें कि कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसे विभिन्न प्रदूषकों के लिए वाहनों का उनके उत्सर्जन मानकों के लिए समय-समय पर परीक्षण किया जाता है. जिसके बाद उन्हें पीयूसी प्रमाणपत्र दिया जाता है. खासकर दिल्ली में परिवहन विभाग द्वारा अधिकृत 900 से अधिक प्रदूषण जांच केंद्र हैं. ये पूरे शहर में फैले पेट्रोल पंपों और कार्यशालाओं में स्थापित किए गए हैं. ताकि मोटर चालक इसे आसानी से कर सकें. पेट्रोल और सीएनजी से चलने वाले दुपहिया और तिपहिया वाहनों के मामले में प्रदूषण जांच का शुल्क 60 रुपये है. चार पहिया वाहनों के लिए यह 80 रुपये है. डीजल वाहनों के प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र का शुल्क 100 रुपए रखा गया है. इसलिए बिना देरी किये जिनके प्रमाणपत्र एक्सपायर हो गए हैं, तुरंत रिनुअल करा लें. अन्यथा 10 हजार का जुर्माना भरने के लिए तैयार रहें.