Notice Period after Job Quitting : आपने नौकरी छोड़ने का मन बना लिया है और नोटिस पीरियड को लेकर परेशान हैं? नोटिस पीरियड ऐसी शर्त है, जो कंपनी और कर्मचारी दोनों के लिए बफर टाइम का काम करता है. ये वो समय होता है, जब कंपनी को कर्मचारी के विकल्प की तलाश करनी होती है, तो कर्मचारी को अपनी अगली नौकरी या दूसरे विकल्प पर विचार करना होता है. ये वो समय होता है, जब पहले से अपनी अगली नौकरी ढूंढ चुका व्यक्ति आराम के लिए समय की तलाश करता है. क्योंकि इस्तीफा देने के बाद आम तौर पर ये माना जाता है कि कर्मचारी का मन काम में नहीं लगता.
कितने दिन का नोटिस पीरियड?
नोचिस पीरियड को लेकर अलग-अलग कंपनी में अलग-अलग नियम होते हैं. आम तौर पर ये माना जाता है कि नोटिस पीरियड का समय एक महीने का होता है. लेकिन प्रोबेशन पीरियड पर ये समय एक सप्ताह से लेकर एक महीने तक का हो सकता है, जबकि प्रोबेशन पीरियड खत्म होने के बाद ये समय एक से लेकर तीन महीनों तक का हो सकता है. इन सभी बातों का जिक्र आपके एंप्लॉयमेंट से जुड़े कागजों के कागजों पर लिखा होता है. कई जगहों पर नोटिस पीरियड कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर होता है. ऐसे में कुछ मामलों में ये कंपनी पर भारी पड़ता है, तो कुछ मामलों में कर्मचारी पर.
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नोटिस पीरियड सर्व न करना चाहें तो?
आम तौर पर नोटिस पीरियड सर्व करना अनिवार्य माना जाता है. लेकिन अगर आपके पास छुट्टियां बाकी हैं तो आप उन्हें एडजस्ट कर सकते हैं. इसके अलावा आप बेसिक सैलरी का पैसा भी कंपनी को दे सकता हैं. इसके अलावा अगर आपने बची हुई छुट्टियों का पैसा क्लेम किया है, तो आप को बची हुई छुट्टियों को सिर्फ बेसिक पे के आधार पर दिया जाता है. लेकिन नोटिस पीरियड को सर्व करने की जगह जब आप अपनी पीएल को एडजस्ट करते हैं, तो आप कहीं ज्यादा फायदे में होते हैं. ऐसे में कंपनी को सीधा नुकसान ये होता है कि वो आपका रिप्लेसमेंट तुरंत नहीं ढूंढ पाती. इससे काम प्रभावित होता है. इसलिए कंपनी से जुड़े लोग इस बात की कोशिश करते हैं कि आप कंपनी को छोड़ें ही न. हालांकि ये आपके काम करने के तरीके और कंपनी के लिए आप कितने जरूरी हैं, इस पर भी निर्भर करता है.
HIGHLIGHTS
- नोटिस पीरियड को लेकर अलग-अलग जगह नियम अलग
- कहीं पर 15 दिन तो कहीं पर तीन महीने का नोटिस पीरियड
- नोटिस पीरियड सर्व करना जरूरी, कंपनी पर भी पड़ता है फर्क