केन्द्र सरकार (central government) में सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Transport Minister Nitin Gadkari) ने वो कर दिखाया है, जिसकी कल्पना भी भारत में नहीं की जा सकती है. देश में इलेक्ट्रिक वाहन (electric vehicle) से लेकर हाईड्रोजन वाहन (hydrogen vehicle) लाने का श्रेय नितिन गडकरी को ही जाता है. लेकिन अब वे एक ऐसा प्लान लेकर आएं हैं. जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. उन्होने संसद सत्र के दौरान बताया है कि कुछ ही समय में वे हवा में चलने वाली बस से भी भारतीयों को यात्रा कराएंगे. नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने हाल में कई अधिकारियों के साथ ‘हवा में उड़ने वाली बस’के आइडिया के बारे में बातचीत है. प्रथम चरण की बात हो चुकी है. जैसे ही फाइनल दौर की बात होगी. उसके बाद प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने के लिए काम किया जाएगा. ये सब करने के पीछे सरकार का उद्देश्य जाम के झाम से जनता को मुक्ति दिलाना है.
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ये है प्रोजेक्ट
प्लानिंग के मुताबिक एरियल ट्राम-वे एक हाईटेक ट्रांसपोर्ट सुविधा है. जिसके चलते ट्रैफिक दबाव काफी घट सकता है. हालाकि ये टेक्नोलॅाजी पहाड़ी क्षेत्र में ज्यादा कारगर शाबित हो सकता है. एक्सपर्ट के मुताबिक पहाड़ी इलाकों में यातायात को सुगम बनाने में इसका अभूतपूर्व योगदान हो सकता है. आमतौर पर लोग इसे गंडोला या रोप-वे समझ लेते हैं, अगर आपने कभी पहाड़ों की यात्रा की होगी, तो रास्ते में किसी गांव के आस-पास नदी या खाई पार करने के लिए लोगों को रस्सी के सहारे खुद को या सामान को खींच कर लाते देखा होगा. इसमें दोनों छोर से एक रस्सी को स्थायी तौर पर बांध दिया जाता है, जबकि एक रस्सी के सहारे इंसान अपने वजन के बराबर की ताकत का इस्तेमाल करके खुद को या सामान को खींचता है.
ये होंगे फायदे
दरअसल, हिल इलाकों में सड़क बनाना कफी मुश्किल काम होता है. साथ ही कॅास्ट भी काफी आती है. इसलिए इन क्षेत्रों में एरियल ट्राम-वे यातायात को सुगम बनाने में बड़ा मददगार हो सकते हैं. इसमें एक बार में 25 से 230 यात्री तक सफर कर सकते हैं. साथ ही सामान को भी लाया-ले जाया जा सकता है. इसके अलावा भी कई फायदे उड़ने वाली बस के माध्यम से होंगे. क्योंकि इससे प्रदूषण भी न के बराबर ही होगा.
Source : News Nation Bureau