अगर आप बेरोजगार हैं तो ये खबर आपके बहुत काम की हो सकती है. क्योंकि सरकार कृषि क्षेत्र को और अधिक स्मार्ट बनाने जा रही है. इसके संकेत कुछ दिन पहले ही केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) नागपुर में दे चुके हैं. उन्होने कहा कि आने वाले दिनों में ड्रोन का उपयोग खेती करने में होगा. यदि ऐसा हुआ तो ड्रोन का उपयोग 50 लाख से ज्यादा रोजगार (Employment) के अवसर पैदा कर देगा. उन्होने कहा कि कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल (Use of drones) से एक साल में ग्रामीण क्षेत्रों रोजगार की संजीवनी मिल सकती है. गडकरी ने रोजगार कैसे पैदा होंगे इसकी जानकारी भी मंच से किसानों व अन्य लोगों के साथ साझा की. हालाकि ड्रोन का इस्तेमाल कब से शुरू होगा इसकी कोई घोषणा अभी तक नहीं की गई है.
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गडकरी ने कहा कि उन्होंने अपने दो कैबिनेट सहयोगियों के साथ कृषि क्षेत्र में ड्रोन प्रौद्योगिकी (Drone Technology) के उपयोग पर नीति बनाने पर विचार किया है. बता दें कि कैबिनेट बैठक में कॉन्ट्रैक्ट तैयार करने की आवश्यकता पर चर्चा की गयी है. साथ ही इन्होंने खेत में ड्रोन तैनाती को मद्देनज़र कीटनाशकों के मशीनीकृत छिड़काव में कटौती करने पर जोर दिया है. आपको बता दें कि लिथियम-आयन बैटरी से चलने वाले ड्रोन की कीमत करीब 6 लाख रुपये होगी, जबकि फ्लेक्स इंजन वाले और एथेनॉल ईंधन से चलने वाले मानव रहित हवाई वाहन की कीमत लगभग 1.5 लाख रुपये होगी. इस तरह हम किसानों को कम लागत पर स्मार्ट खेती की सौगात दे सकते हैं.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (Minister of Road Transport and Highways) ने कहा कि ड्रोन से कीटनाशकों के छिड़काव के लिए उन्हें संचालित करने के लिए 'पायलट' की आवश्यकता होगी और इससे रोजगार की बड़ी संभावनाएं खुलेंगी. वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (Standard operating procedures) का एक सेट जारी किया था, जिसमें कीटनाशकों के साथ-साथ अन्य मिट्टी और फसल पोषक तत्वों का छिड़काव भी शामिल था.
Source : News Nation Bureau