सरकार आम जनता की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित है. खासकर जब से कोरोना महामारी आई है तब से लोगों के जीवन का स्तर पूरी तरह बदल गया है. केन्द्र सरकार (central government) ने कोरोनाकाल के दौरान आयुषमान भारत कार्ड (ayushmaan bharat card) लॅान्च किया था. जिसके माध्यम से कार्ड धारकों को पांच लाख तक का इलाज मुफ्त कराया जाता है. आयुषमान भारत की तर्ज पर ही उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar) Pradesh ने हेल्थ कार्ड (Health Card) जारी करने की घोषणा की है. जिससे गरीब सरकरारी कर्मचारी व पेंशनर्स की चांदी होने वाली है. इस कार्ड से कर्मचारी और पेंशनर्स को कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान इस हेल्थ कार्ड की घोषणा की थी. जानकारी के मुताबिक अगले माह तक सुविधा धरातल पर उतर जाएगी.
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आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में करीब 20 लाख सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स हैं. जिन्हें सरकार के इस फैसले से सीधे लाभ पहुंचेगा. हेल्थ कार्ड की मदद से लोगों को मुफ्त इलाज का लाभ सरकारी और कई प्राइवेट अस्पतालों में मिलेगा. गौर करने वाली बात ये है कि अगर कोई कर्मचारी सरकारी अस्पताल में अपना इलाज करवाता है तो इलाज में लगने वाले सारे पैसे सरकार देगी. वहीं प्राइवेट अस्पताल में खर्च की सीमा को 5 लाख रुपये तक रखा गया है. साथ ही लोगों को कैश रखने की झंझट से भी मुक्ति मिलेगी. अब सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों में लोगों को कैशलेस की सुविधा मिलेगी. कोई भी निजी अस्पताल आदेशों का उलंघन नहीं कर सकेगा. ऐली व्यवस्था सरकार बनाने जा रही है.
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यूपी सरकार (UP Government) में काम करने वाले कर्मचारी और उनके परिवार सभी को कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी. यह सुविधा प्रदेश के करीब 88 लाख लोगों तक पहुंचेगी. लंबे समय समय से यूपी सरकार के कर्मचारी इस तरह के हेल्थ कार्ड की मांग कर रहे थे. पहले कर्मचारियों को कैश से इलाज के बाद बिल लेकर विभाग के चक्कर लगाने पड़ते थे. लेकिन, अब हेल्थ कार्ड से इस परेशानी से मुक्ति मिलेगी.
Source : News Nation Bureau