Diabetes Medicine: हमारे खान-पान और जीवन शैली की वजह से अब हर घर में कोई न कोई आपको शुगर (Diabetes) का मरीज मिल जाएगा. शुगर मानव जीवन के लिए कितनी खतरनाक और जानलेवा बीमारी है इसका अंदाजा ज्यदातर लोगों को है. लेकिन अब इससे ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि सरदार बल्लभ भाई पेटेल कृषि विश्विद्यालय (Sardar Vallabhbhai Patel Agricultural University) के छात्रों ने इसकी शानदार दवाई को खोज निकाला है. यही नहीं ये दवाई लेने के लिए आपको पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं होगी. बल्कि किसानों के खेतों में ही ये दवाई आपको आसानी से मिल जाएगी. आइये जानते हैं आखिर स्टूडेंट्स की खोज कितनी कारगर है?
यह भी पढे़ं : अब इन लोगों को नहीं मिलेगा फ्री गेंहू, चना और चावल, सरकार रद्द करेगी 10 लाख राशन कार्ड
शोध से मिले तथ्यों के आधार पर प्रो. देवेंद्र सिंह बताते हैं, “एक तरफ जहां किनोआ के बीज मधुमेह को नियंत्रण करने में कारगर हैं, वहीं दिल्ली के आस-पास और वेस्ट यूपी की जमीन भी किनोआ की फसल के लिए अनुकूल मानी जा रही है. यही नहीं किनोआ के पौधे में इतने औषधीय् गुण पाए गए हैं. जिनसे शुगर की मात्रा काफी हद तक खत्म की जा सकती है. आपको बता दें कि ये शोध पूरे एक साल में विवि की लैब में ही पूरा किया गया. जिसके परिणाम बहुत ही सकारात्मक पाए गए हैं. यही नहीं वैज्ञानिकों का तो यहां तक दावा है कि यदि किसान इसकी खेती गन्ना और गेंहू की तरह करें तो उन्हे 10 गुना तक मुनाफा होगा. क्योंकि किनोआ को दवाई कंपनी ही खरीद कर ले जाएंगी.
वैज्ञानिकों के मुताबिक “मधुमेह के मरीजों के लिए गेंहू-चावल भी नुकसानदायक होता है. लेकिन यदि वे किनोआ के बीज का आटा पिसवाकर उसका अनाज की रोटी खाएं तो उनका शुगर लेवल कभी नहीं बढ़ेगा. साथ ही यह अनाज गेंहूं-चावल से ज्यादा गुणकारी भी होता है. किनोआ के अंदर पोषक तत्वों की बात करें तो "कैल्शियम, विटामिन, पोटेशियम, ओमेगा 3 फैरी एसिड, एल्फालिनोलेनिक" आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसलिए शुगर के मरीजों के लिए इससे अच्छा अनाज कुछ हो ही नहीं सकता.
HIGHLIGHTS
- कृषि विश्वविद्यालय मेरठ के स्टूडेंट्स की शोध के माध्यम से खोज
- पश्चिमी यूपी की जमीन को भी पाया गया मधुमेह की दवाई के लिए मुफीद
Source : News Nation Bureau