भारत की 70 फीसदी आबादी अभी भी गांवों में निवास करती है. पर्यटन मंत्रालय अब गांवों को स्मार्ट बनाने की तैयारी में है. जिसके तहत गांवों में होमस्टे (Homestay)बनाने पर विचार कर रहा है. जैसे दूसरे शहर जाने पर किसी दूसरे शहर में जाते हैं तो होटल बुक करते हैं. होटल में हमारे जरूरत की सभी सुविधाएं मिलती हैं. ऐसी ही सुविधा गांवों में देने की तैयारी पर्यटन मंत्रालय ने की है. शहरी पर्यटन के अलावा सरकार का फोकस ग्रामीण पर्यटन (Rural Tourism) पर भी है. होमस्टे उसी अभियान का एक हिस्सा है. पर्यटन मंत्रालय (Tourism Ministry) ने इसके लिए नेशनल स्ट्रैटजी ऑफ रूरल होमस्टे या NSPRH तैयार किया है. प्लानिंग को बहुत जल्द अमली जामा पहनाने की तैयारी है.
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सरकार करेगी प्रोतसाहित
जानकारी के मुताबिक गांवों को होमस्टे बनाने के लिए सरकार सब्सिडी का प्रावधान कर रही है. इस काम में कोई व्यक्ति, कंपनी या स्व सहायता समूह हिस्सा ले सकता है. सरकार आर्थिक मदद के साथ कई तरह की छूट भी देगी. इसके लिए शर्त ये है कि होमस्टे बनवाने वाले को लोकल अथॉरिटी से इजाजत लेनी होगी. अथॉरिटी से हरी झंडी मिलने के बाद इस प्रस्ताव को केंद्र और राज्य सरकार के एमएसएमई में भेजा जाएगा. एमएसएमई की तरफ से होमस्टे बनाने की सुविधाएं और आर्थिक मदद दी जाएंगी.
इतनी मिलेगी सब्सिडी
NSPRH के मुताबिक सरकार को इस स्कीम के लिए 30 परसेंट सब्सिडी देनी चाहिए. होमस्टे बनाने का अधिकतम खर्च 1 लाख रुपये तक रखने का प्रस्ताव है जिस पर 30 परसेंट सब्सिडी दी जा सकती है. यानी गांव में होमस्टे बनाने वाले व्यक्ति या कंपनी को 70 हजार खुद से खर्च करना होगा. बाकी का 30 हजार सरकार देगी. इससे कम भी खर्च होता है, तो उसका 30 परसेंट सब्सिडी के रूप में मिलेगा. होमस्टे में अधिक से अधिक 6 कमरे बनाए जा सकते हैं. ये जरूरी नहीं कि होमस्टे के लिए पूरा निर्माण नया हो. पहले से बने भवन में भी सुविधाएं बढ़ाकर होमस्टे में तब्दील किया जा सकता है.
Source : News Nation Bureau