नए साल में केंद्र सरकार (Central Govt) की अति महत्वाकांक्षी पूर्वी-पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC-डीएफसी) परियोजना रेल यात्रियों के लिए कई सौगात लेकर आएगी. 2000 किलोमीटर लंबे DFC कॉरिडोर पर मालगाड़ियां दौड़ने लगेंगी. इससे दिल्ली-मुंबई (Delhi-Mumbai) और दिल्ली-कोलकाता रेलमार्ग (Delhi-Kolkata Rail Route) पर बोझ घटने से ट्रेन समय पर पहुंच सकेंगी. नई ट्रेन चलाने का रास्ता भी खुलेगा.
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रेल अधिकारियों ने बताया कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (Dedicated Freight Corridore) वित्तीय संकट से जूझ रही रेलवे को ऑक्सीजन देने का काम करेगा. पूर्वी कॉरिडोर के दादरी से सोननगर वाया कानपुर-इलाहाबाद-वारणासी और पश्चिमी कॉरिडोर के रेवाड़ी-मकरपुरा वाया मदार-पालनपुर सेक्शन पर लगभग 2000 किलोमीटर के दायरे में दिसंबर 2020 तक मालगाड़ियों का परिचालन शुरू हो जाएगा. इसके पहले मार्च से डीएफसी के 1000 किलोमीटर सेक्शन पर मालगाड़ियों का परिचालन होने लगेगा.
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डीएफसी के महाप्रबंधक एके सचान ने पिछले हफ्ते रेवाड़ी-मदार सेक्शन पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर डबल डेकर मालगाड़ी के ट्रायल का जायजा लिया है. डीएफसी के दोनों कॉरिडोर के कुल 2800 किलोमीटर मार्ग में से 71 फीसदी हिस्से पर वाणिज्यिक परिचालन शुरू होने से मौजूदा दिल्ली-हावड़ा व दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग की मालगाड़ियां डीएफसी पर चलने लगेंगी.
Source : News Nation Bureau