असंगठित क्षेत्र (Unorganised Workers) के मजदूरों को भी पेंशन (Pension) की सौगात मिलने की संभावना जताई जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को पेंशन के तौर पर आर्थिक सहायता देने की योजना बनाई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार इसको लेकर ‘डोनेट पेंशन’ अभियान चलाने की तैयारी कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लोगों से स्वैच्छिक रूप से इस पेंशन योजना में सहयोग देने के लिए प्रेरित किया जाएगा और यह अभियान ‘गिव इट अप’अभियान का ही एक हिस्सा होगा. बता दें कि ‘गिव इट अप’अभियान के तहत ही लोगों से जरूरतमंद लोगों के लिए रसोई गैस की सब्सिडी छोड़ने का आह्वान किया गया था.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार की इस योजना के तहत लाभार्थी 60 साल की आयु में 3 हजार रुपये की मंथली पेंशन पाने के लिए पात्र होंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रम मंत्रालय की ओर से इस संबंध में उच्च स्तर पर विचार के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रम मंत्रालय से मिले आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर के महीने में सिर्फ 35 श्रमिकों ने इस योजना के तहत नामांकन किया है. वहीं सितंबर के महीने में 85 श्रमिकों ने पंजीकरण कराया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल अबतक औसत मासिक पंजीकरण 2,366 दर्ज किया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस योजना में 18-40 आयु वर्ग के हर महीने 15 हजार रुपये कमाने वाले असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को फायदा मिलेगा और योजना के तहत 55 रुपये से लेकर 200 रुपये के बीच योगदान करना होगा. वहीं दूसरी ओर सरकार की ओर से एक समान योगदान किया जाएगा.
HIGHLIGHTS
- उच्च स्तर पर विचार के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है
- केंद्र सरकार की ओर से एक समान योगदान किया जाएगा