New labor code: हाल ही में चार नये लेबर कोड को देश में मंजूरी मिली थी. जिसके तहत नौकरीपेशा लोगों की जिंदगी में आमूल-चूल परिवर्तन आना था. जैसे सप्ताह में तीन दिन छुट्टी, बेसिक सैलरी आदि. लेकिन फिलहाल मामला टल गया है. अभी कर्मचारियों को पुराने ढर्रे पर ही काम करना होगा. क्योंकि अभी 5 राज्यों ने नये लेबर कोड्स को लेकर कोई सहमति नहीं जताई है. हालाकि 23 राज्य पहले ही लेबर कोड को लेकर सहमती जता चुके हैं. आपको बता दें कि इन कोड्स के लागू होने से खासकर प्राइवेट सेक्टर में कर्मचारियों को काफी फायदा होने वाला था. जैसे सप्ताहिक छुट्टियों (Weekly Holidays) से लेकर इन हैंड सैलरी (In Hand Salary) तक में बड़ा असर देखने को मिल सकता था.
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ये हैं चार नए कोड
नए लेबर कोड वेज (Wage), सोशल सिक्योरिटी (Social Security), इंडस्ट्रियल रिलेशंस (Industrial Relations) और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी (Occupational Safety) से जुड़े हैं. तो हो सकता है कि एक जुलाई से आपको दफ्तर में अधिक समय तक काम करना पड़े, लेकिन आपको तीन दिनों का सप्ताहिक अवकाश भी मिल सकता था. आपको बता दें कि नए लेबर कोड के लागू होने के बाद नौकरी करने वालों को सप्ताह में चार दिन ही दफ्तर जाना पड़ेगा. उन्हें तीन दिन का वीकली ऑफ मिलेगा. हालांकि, आपको 8 या 9 घंटे की जगह 12 घंटे दफ्तर में काम करने होंगे. नए कानून के अनुसार, किसी भी कर्मचारी को सप्ताह में 48 घंटे काम करने होंगे.
मतलब ये कि आपको काम कम नहीं करना है, लेकिन दफ्तर 5 दिन की जगह चार दिन ही जाना होगा. आपको बता दें कि छुट्टियों को लेकर एक और बड़ा बदलाव होगा. पहले किसी भी संस्थान में लंबी अवधि की छुट्टी लेने के लिए साल में कम से कम 240 दिन काम करना जरूरी होता था. लेकिन नए लेबर कोड के तहत आप 180 दिन (6 महीना) काम करने के बाद लंबी छुट्टी ले सकेंगे. लेकिन फिलहाल इन सभी कयासों पर लगाम लगा दी गई है. सरकार का मानना है कि नए लेबर कोड लागू करने से पहले सभी राज्यों की सहमती जरूरी है.
HIGHLIGHTS
- 23 राज्य न्यू लेबर कोड को अपना चुके हैं, जबकि बाकी ने अभी कोई जवाब नहीं दिया है
- 1 जुलाई से देश में नौकरीपेशा लोगों के लिए 4 नए कोड लगू होने थे
- जिन्हें फिलहाल टाल दिया गया है, शेष राज्यों के जवाब के बाद ही बढ़ेगी परिक्रिया