आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने आज बड़ा फैसला लिया है. कैबिनेट ने आज चुनावी सुधारों पर एक विधेयक पारित किया है. इस विधेयक के तहत वोटर आईडी को आधार से लिंक करने की मंजूरी दी जाएगी. लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के राइट टू जजमेंट और टेस्ट ऑफ प्रपोशनैलिटी के मद्देनजर ऐसा सिर्फ व्यक्ति की इच्छा पर ही किया जाएगा. इसके अलावा इन सुधारों के तहत 18 वर्ष पूरे कर चुके पहली बार वोट देने वाले वोटर्स 1 जनवरी की बजाय अब चार कटऑफ डेट्स के साथ, साल में चार बार खुद को पंजीकृत कर सकेंगे.
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आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने सरकार को कई चुनावी सुधारों का सुझाव दिया था. इस सुझाव में पेड न्यूज को अपराध बनाना और झूठा हलफनामा दाखिल करने की सजा को दो साल के कारावास तक बढ़ाना शामिल है. इस साल जून में चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर इन लंबित चुनावी सुधारों को तत्काल लागू करने का अनुरोध किया था. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार के पास तकरीबन 40 चुनावी प्रस्ताव लंबित थे. सरकार चुनाव सुधारों को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश करेगी.
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पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने उम्मीद जताई थी कि 2024 के लोकसभा चुनावों तक रिमोट वोटिंग का कॉन्सेप्ट अमल में आ सकता है.