सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लगेगा, क्योंकि इस तरह की बाते पिछले कई सालों से देश में हो रही है. लेकिन आपको बता दें कि इस बार रिलायंस कंपनी ने पेट्रोल-डीजल की निर्भरता देश में कम करने की जिम्मेदारी उठाई है. देश के बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी में ऐसा फ्यूल देश में इजाद करने के लिए प्लानिंग की है. जिसके बाद आपकी कार सिर्फ 5 रुपए प्रति लीटर के खर्च पर फर्राटा भरती नजर आएगी. यही नहीं इसके लिए बाकायदा एक लाख करोड़ रुपए का निवेश करना भी सुनिश्चित कर लिया है. जानकारी के मुताबिक इस फ्यूल को तैयार करने के लिए गुजरात के दीनदयाल कांडला स्थित पोर्ट पर प्लांट लगाने की प्लानिंग है. बताया जा रहा है कि इससे न सिर्फ लोगों को महंगा पेट्रोल-डीजल खऱीदने से मुक्ति मिलेगी, बल्कि देश से प्रदूषण भी काफी हद तक नियंत्रित हो जाएगा.
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Reliance और L&T में समझौते की खबर
जानकारी के मुताबिक, रिलायंस ये प्लांट्स लार्सन एंड टुब्रो ग्रीनको ग्रुप और वेलस्पन न्यू एनर्जी जैसी कंपनियों के साथ मिलकर लगा रही है. सूत्रों का दावा है कि प्लांट के लिए गुजरात स्थित पोर्ट पर जमीन भी खरीद ली गई है. दावा है कि ये कंपनियां मिलकर कुल 14 प्लांट शुरूआत में लगाएंगी. प्रोजेक्ट सफल होने पर देशभर में इसके प्लांट लगाने की योजना है. बताया जा रहा है एक प्लांट लगाने में लगभग करीब 300 एकड़ जमीन की आवश्यकता होती है. इस तरह ये टोटल एरिया करीब 4,000 एकड़ होने की संभावना है. हालांकि आपको बता दें कि अभी तक रिलायंस ने अधिकारिक रूप से इसकी कोई घोषणा नहीं की है.
ग्रीन अमोनिया का होगा उत्पादन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक प्लांट से प्रति वर्ष 10 लाख टन ग्रीम अमोनिया का उत्पादन होगा. जिसे वाहनों के ईंधन के रूप में उपयोग किया जा सकेगा. हालांकि इसके लिए वाहनों के इंजन में कुछ परिवर्तन करना जरूरी होगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक इन 14 प्लॉट में से रिलायंस इंडस्ट्रीज को 6, एलएंडटी को 5, ग्रीनको ग्रुप को 2 और वेलस्पन न्यू एनर्जी को 1 प्लॉट एलॅाट करने की सूचना है. बताया जा रहा है कि आचार संहिता की वजह से अभी ये जानकारी ग्रुप ने शेयर नहीं की है. बताया जा रहा है कि नई सरकार का गठन होने के बाद पूरी जानकारी जनता के साथ शेयर की जाएगी. बताया जा रहा है कि फिलहाल कंपनीज अन्य प्लांट के लिए जमीन सर्च भी कर रही है.
अमोनिया व ग्रीन हाईड्रोजन उत्पादन करना लक्ष्य
सूत्रों का दावा है कि पोर्ट पर बनाए गए प्लांट से 70 लाख टन ग्रीन हाईड्रोजन और 14 लाख टन अमोनिया के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन पानी को इलेक्ट्रोलाइजिंग करके किया जाता है. यही नहीं एक्सपर्ट संदीप बताते हैं कि इसके लिए रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग भी किया जाता है. सरकार के एक बड़े नेता ने बताया कि ये प्रोजेक्ट भारत सरकार के ‘नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन’ का हिस्सा है. हालांकि अभी मार्केट में इस ईंधन से चलित वाहन नहीं है. लेकिन जल्द ही इन वाहनों का उत्पादन भी बढ़ाए जाने की बात कही जा रही है. ताकि पेट्रोल-डीजल से लोगों के निजात मिल सके.
ये है 2 रुपए प्रतिकिमी में चलने का फॅार्मुला
एक्सपर्ट के मुताबिक हाइड्रोजन को फ्यूचर फ्यूल के रूप में देखा जा रहा है. केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी कई बार अपनी सभाओं में इसकी घोषणा भी कर चुके हैं. जानकारी के मुताबिक हाइड्रोजन इंजन से चलने वाली कारों में फ्यूल सेल का इस्तेमाल होता है. जिससे बिजली का उत्पादन भी बढ़ेगा. यही नहीं यह पूरी तरह से पॅाल्यूशन फ्री रहेगा. क्योंकि धुएं के स्थान पर इससे पानी की फुहार निकलती है. मौजूदा समय में कार चलाने के लिए कम से कम 8 रुपए प्रति किमी तक खर्च करने होते हैं. लेकिन इस फ्यूल से आपकी कार प्रति किमी 2 रुपए में ही फर्राटा भरती नजर आएगी.
HIGHLIGHTS
- रिलायंस कंपनी इसके लिए करने जा रही है 1 लाख करोड़ रुपए का निवेश
- पेट्रोल-डीजल की निर्भरता हो जाएगी 40 फीसदी तक कम
- प्लांट के लिए कांडला पोर्ट पर खरीदी जमीन
Source : News Nation Bureau