scrap policy: 1 अप्रैल का असर सिर्फ आपकी जेब पर ही नहीं पड़ेगा, बल्कि आपके पुराने वाहन भी कबाड़ में तब्दील हो जाएंगे. खास बात ये है कि कबाड़ हुए वाहन की तौल में कीमत सिर्फ 22 रुपए प्रति किग्रा ही वाहन स्वामी को मिलेगी. इसका प्रस्ताव प उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने शासन को भेज दिया है. वहीं कबाड़ में तब्दील हुए कुल वाहन का 65 फीसदी ही मूल वजन माना जाएगा. साथ ही रकम का 90 प्रतिशत भुगतान ही वाहन मालिक को दिया जाएगा. शेष भुगतान परिवहन विभाग के खाते में जाएगा.
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प्रदेश में बनाए गए 12 सेंटर
आपको बता दें कि पुराने वाहनों के लिए पूरे प्रदेश में 12 सेंटर्स बनाए गए हैं. जिनपर काम शुरू हो गया है. 15 साल पुराने वाहनों को कबाड़ में तब्दील कर इन्हीं सेंटर्स पर ले जाया जाएगा. साथ ही स्क्रैप पॅालिसी के तहत कुल वाहन के वजन का 65 फीसदी का ब्यौरा वाहन स्वामी को दिया जाएगा. इसके बाद कुल भुगतान का 90 फीसदी ही वाहन स्वामी को दिया जाएगा. इस्पात मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक पिछले तीन माह के कबाड़ रेट के औसत से खरीद तय की जाए. जानकारी के मुताबिक ये औसत फिलहाल 45 से 50 रुपए प्रति किलो आ रहा है. लेकिन कबाड़ सेंटर्स के खर्च को देखते हुए 50 फीसदी पर यानि 22 से 25 रुपए प्रति किलो खरीद तय की गई है.
अलग-अलग कैटेगिरी
जानकारी के मुताबिक परिवहन विभाग ने इस पॅालिसी को दो कैटेगिसी में डिवाइड किया है. सबसे पहले सरकारी पुराने वाहनों को कबाड़ नीति के तहत ध्वस्त किया जाएगा. इसके बाद निजी वाहनों को इसका हिस्सा बनाया जाएगा. बताया जा रहा है कि 1 अप्रैल से कबाड़ नीति पर काम शुरू कर दिया जाएगा. परिवहन विभाग के मुताबिक वाहन स्वामी स्वयं आकर भी कबाड़ नीति के तहत अपने वाहन को ध्वस्त कराकर 22 रुपए प्रति किलो के रेट से दाम पा सकता है.
HIGHLIGHTS
- उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने शासन को भेजा प्रस्ताव
- दायरे में आएंगे 15 साल पुरे कर चुके पेट्रोल व 10 साल पूरा कर चुके डीजल वाहन
- वाहन के कुल वजन का 65% हिस्सा ही माना जाएगा मूल वजन