कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने पूरी दुनिया को दहशत में डाल दिया है. यूके में ओमिक्रॉन की वजह से हुई एक शख्स की मौत के बाद भारत समेत तमाम देशों की सरकारें अलर्ट मोड़ में आ गई हैं. लेकिन इस डरावनी खबर में राहत पहुंचाने वाली जानकारी भी शामिल है. दरअसल, सोमवार को तेल वायदा (Oil futures) में को गिरावट देखी गई. माना जा रहा है कि तेल वायदा में यह गिरावट दुनियाभर में ओमिक्रॉन (Omicron variant) के बढ़ते संक्रमण की चिंताओं की वजह से आई है. माना जा रहा है कि ओमिक्रॉन के फैलते संक्रमण की वजह से कच्चे तेल की मांग बेहद कमी देखी जा सकती है.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की एक रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण अफ्रीका से शुरू हुआ ओमिक्रॉन वेरिएंट अभी तक 60 से ज्यादा देशों को चपेट में ले चुका है. डब्ल्यूएचओ ने ओमिक्रॉन वेरिएंट में जोखिम “Very High” श्रेणी में रखा है. आपको बता देें कि ब्रेंट फ्यूचर्स (Brent futures) 76 सेंट अथवा 1.0% गिरकर 74.39 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जबकि यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड 38 सेंट अथवा 0.5% गिरकर 71.29 डॉलर पर आ गया.
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लेकिन इस बीच बड़ा सवाल यह है कि कच्चे तेल की कीमतों में देखी जानी वाली इस गिरावट का असर भारत में कितना होगा? सवाल यह है कि क्या ऐसे हालातों में भारत भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती करेगा. हालांकि इस सवाल का जवाब देना थोड़ा मुश्किल है. वो इस वजह से क्योंकि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बीच भी तेल के दामों में गिरावट देखने को नहीं मिली थी. हालांकि तेल की बढ़ती कीमतों को देखते ही केंद्र सरकार ने पिछले दिनों उत्पाद शुल्क में कटौती की थी, जिसके बाद राज्य सरकारों ने भी वैट का रेट घटाकर तेल की कीमतों से जनता को राहत दी थी.
Source : News Nation Bureau