इन दिनों पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel)की मार झेलना आम आदमी के बसकी बात नहीं रही है. थोक में डीजल के भाव बढ़ते ही रिटेल में भी पेट्रोल और डीजल के दामों में इजाफा हो गया. जिसके बाद कम आय वाले लोगों ने अपने वाहन घरों में पार्क करने शुरू कर दिये हैं. आज हम आपको बता रहे हैं कि जब कच्चा तेल इतना सस्ता है तो फ्यूल इतना महंगा क्यों हो गया. आपको बता दें कि पर्दे के पीछे की जो तस्वीर है उसे जानकर आप भी दांतों तले उंगली दबा जाएंगे. देश की राजधानी में बुधवार को पेट्रोल 97.01 रुपये प्रति लीटर मिल रहा हैं, लेकिन उस तेल के रियल बेस प्राइज की बात करें तो वो लगभग 47.99 रुपया हैं. यानी करीब 49 रुपये प्रति लीटर का टैक्स आपसे वसूला जा रहा है. आइये समझते हैं आखिर क्या होता है तेल में खेल?
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ये है पर्दे के पीछे की तस्वीर
आपको बता दें कि सारी लगत के बाद तेल कंपनियां प्रति लीटर पेट्रोल के लिए 47.99 रुपये चार्ज करती है. इस पर प्रति लीटर भाड़े की बात करें तो प्रति लीटर 25 पसे की कॅास्ट आती है. यानि पेट्रोल पंप तक पहुंने वाले एक लीटर पेट्रोल की कीमत है 48.24 रुपये. इसपर डीलर कमीशन प्रति लीटर 3.77 रुपये जोड दीजिये तो पेट्रोल की कीमत हो गई 52.01 रुपये. आपको बता दें कि पेट्रोल के हर लीटर से केंद्र सरकार कमाती है 27.09 रुपया, टैक्स के नाम पर. यानि दिल्ली में राज्य सरकार कमाती है 15.50 रुपये. यानि केद्र और राज्य सरकारें मिलकार ऐंठती है 42.60 रुपये. यानि प्रत्येक लीटर पेट्रोल पर आप सरकार को पेट्रोल की कीमत से 81 फीसदी ज्यादा दे देते हैं.
पेट्रोल पर टैक्स का बोझ
बेस प्राइस प्रति लीटर: 47.99 रुपये
भाड़ा प्रति लीटर: 0.25 रुपये
पेट्रोल पर प्रति लीटर उत्पाद शुल्क: 27.90 रुपये
डीलर कमीशन (औसत) प्रति लीटर: 3.77 रुपये
वैट (डीलर कमीशन पर वैट सहित) प्रति लीटर: 15.50 रुपये
दिल्ली में पेट्रोल का खुदरा बिक्री मूल्य प्रति लीटर: 95.41 रुपये
Source : News Nation Bureau