अगर आप भी अपनी जमीन पर मोबाइल टावर लगवाने के लिए भुगतान कर रहे हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है. यह जालसाजों द्वारा फैलाया एक जाल है जिसमें आप फंस सकते हैं. बता दें, भारत दूरसंचार विभाग ने इस संदर्भ में विशेष चेतावनी दी है. दरअसल पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें आ रही थीं कि भारत दूरसंचार विभाग जमीन पर मोबाइल टावर लगवाने के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट दे रही है. जिसे लेकर सरकार ने विशेष चेतावनी दी है. अगर आप भी घर की छत या खाली जमीन पर मोबाइल टावर लगवाने के बारे में सोच रहे हैं तो सचेत हो जाना चाहिए. ऐसे लोगों के लिए वायरल खबर में दावा किया जा रहा है कि दूरसंचार विभाग (DoT) मोबाइल टावर लगाने के लिए नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) दे रहा है. जबकि यह दावा पूरी तरह से फर्जी है. लोगों को ऐसी फेक खबरों के प्रति सचेत करने के लिए प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो ने अपनी ट्वीट में बात का खंडन किया है. PIB फैक्ट चेक ने ट्वीट में कहा, फेक अनापत्ति प्रमाण-पत्र का दावा है कि प्राप्तकर्ता के स्थान पर मोबाइल टावर लगाया जाएगा. पीआईबी फैक्ट चेक ने इस दावे को फर्जी बताया है. उसने कहा, दूरसंचार विभाग ऐसे सर्टिफिकेट्स जारी नहीं करता है. इसलिए ऐसे धोखेबाजों से बचने की जरूरत है.
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पैसा वसूलना जालसाजों का मुख्य उद्देश्य
सरकार ने लोगों को सचेत करते हुए कहा है कि जालसाज आम जनता को झांसा देते हैं और उन्हें अपने परिसर में टावर लगवाने के लिए आकर्षक मासिक किराया दिलाने का वादा करते हैं. टावर लगवाने के नाम पर वे लोगों से उनके पर्सनल, कंपनी खाते में सिक्योरिटी डिपॉजिट, आवेदन शुल्क, पंजीकरण शुल्क, स्टाम्प शुल्क, सरकारी टैक्स के रूप में एडवांस जमा करने को कहते हैं. एक बार खाते में पैसा जमा हो जाता है, तो ये जालसाज अपना काम बंद कर देते हैं और नौ-दो ग्यारह हो जाते हैं. सरकार ने एक नोटिस में कहा कि आम जनता को सूचित किया जाता है कि दूरसंचार विभाग (DoT) मोबाइल टावर लगाने के लिए परिसर को पट्टे पर देने या इस उद्देश्य के लिए कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने पर कोई टैक्स, शुल्क लगाने में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं है.
(DoT) द्वारा मोबाइल टावर लगवाने की यह है प्रक्रिया
एक मोबाइल टावर दूरसंचार सेवा प्रदाता (TSP) या इंफ्रास्ट्रक्चर सेवा प्रदाता (IP-I) द्वारा उनकी लाइसेंसिंग या पंजीकरण शर्तों के मुताबिक स्थापित किया जा सकता है. दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और IP-I सेवा प्रदाताओं की सूची के लिए दूरसंचार विभाग की वेबसाइट www.dot.gov.in पर विजिट कर सकते हैं. लोगों को आगाह किया जाता है कि विचार करने से पहले दूरसंचार विभाग की वेबसाइट से टीएसपी/आईपी-1 की प्रामाणिकता सत्यापित करें.
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धोखेबाजों के खिलाफ होगी सख्त कारर्वाही
किसी भी व्यक्ति या संस्था के इस कार्य में संलिप्त होने पर सख्त कदम उठाए जाएंगे. मोबाइल टावर लगवाने के नाम पर एडवांस लेना, दूरसंचार विभाग के नाम/लोगो/सिफारिश या राष्ट्रीय प्रतीक का उपयोग करने पर कानून के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है.
HIGHLIGHTS
- PIB फैक्ट चेक के मुताबिक DoT ऐसे प्रमाण पत्र जारी नहीं करता है
- दूरसंचार विभाग ने ऐसे धोखे के लिए सचेत करते हुए जारी किया नोटिस