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भारत में यातायात सुविधा में बदलाव को लेकर PM e-bus sewa को शुरू किया गया. इसके तहत सौ से ज्यादा शहरों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत करीब दस हजार इलेक्ट्रिक बसें शुरू होंगी. बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए 57613 करोड़ रुपये का बजट तय किया है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर के अनुसार, इस योजना को देशभर में 168 शहर में आरंभ किया जाएगा. उनका कहना है कि जो भी शहर इलेक्ट्रिक बसों के लिए आवेदन करेगा. उन्हें योजना के तहत एक प्रक्रिया से गुजरना होगा.
- इस सेवा को तीन लाख से 40 लाख तक की आबादी वाले शहरों में लागू किया गया है. जिन शहरों में उचित बस सेवा नहीं होगी.
- योजना के तहत चुने हुए शहरों में सेवाओं को शुरू करने से पहले उसके बुनियादी ढांचे को बेहतर किया जाएगा. इसके तहत योग्य शहरों में बसों के लिए उचित चार्जिंग स्टेशन, स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली, मल्टीमॉडल इंटरचेंज जैसी सुविधाएं को शुरू किया जाएगा.
- योजना को सफल बनाने के लिए सरकार सब्सिडी के रूप में मदद भी देगी. इसका सीधा लाभ इन शहरों को होगा.
- इस योजना के तहत सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में सुधार आएगा. इसके साथ 55 हजार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. इस योजना के तहत 169 शहरों में सिटी बसें और 181 शहरों में इलेक्ट्रिक बसों चलाने के लिए चार्जिंग स्टेशन, बिजली कनेक्शन, बस स्टॉप की व्यवस्था भी की जाएगी.
- मंत्री अनुराग ठाकुर के अनुसार, आबादी के हिसाब से इन बसों को चलाया जाएगा. शहरों की आबादी अगर 5 लाख से कम है तो यहां पर 50 ई-बसें चलाई जाएंगी. वहीं 5 लाख से 20 लाख की आबादी वाले शहरों में 100 ई-बसें होंगी. वहीं 20 से 40 लाख की आबादी वाले शहरों में 150 ई-बसें होंगी.
- यह योजना को पूरी तरह से 2037 तक लागू कर दिया जाएगा. इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से 20 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे. वहीं राज्य सरकारों को 37613 करोड़ रुपये देने होंगे.
- राज्यों में चल रहीं पुरानी बसों को स्क्रैप किया जाएगा. इनकी जगह केन्द्र सरकार कुछ अन्य बसें भी देंगी.
- योजना के तहत सभी राज्यों को अपनी मौजूदा डीजल बसों हटाना होगा. केंद्र सरकार राज्यों को बिजली से चलने वाली और इलेक्ट्रिक बसों को यहां पर चलाने में मदद करेगी.
- PM e-bus sewa की मदद से देश भर में इलेक्ट्रिक वाहनों के चलन को बढ़ावा दिया जा रहा है. जेबीएम ऑटो के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक निशांत आर्य के अनुसार, प्रमुख शहरों के साथ पहाड़ी राज्यों और पूर्वोत्तर क्षेत्र में 10 हजार इलेक्ट्रिक बसों का उपयोग पूरे देश में क्रांति की तरह है. इससे सार्वजनिक हरित परिवहन को बढ़वा मिलेगा.
- PM e-bus sewa से देश के अन्य भागों में प्रदूषण कम होगा. कार्बन उत्सर्जन पर रोक लगेगी. वायु गुणवत्ता में सुधाए आएगा. शहरों के अंदर एक विश्वसनीय सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की समस्या का हल होगा.
Source : News Nation Bureau
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