PM SVANidhi Scheme: कोविड-19 लॉकडाउन (COVID-19 Lockdown) की वजह से कारोबार में नुकसान का सामना कर रहे रेहड़ी-पटरी वालों और छोटी मोटी दुकान वालों को अपना कारोबार फिर से खड़ा करने में मदद करने के उद्देश्य से इस स्कीम को लाया गया था. प्रधानमंत्री स्वनिधि के तहत रेहड़ी-पटरी, ठेला, फल-सब्जी, लॉन्ड्री, सैलून वाले और हॉकर्स लोन हासिल कर सकते हैं. पीएम स्वनिधि योजना (PM SVANidhi Scheme) को आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत लॉन्च किया है. इस योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों और उसके आसपास के अर्ध-शहरी, ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स (रेहड़ी-पटरी वाले छोटे व्यापारी) को कोविड-19 लॉकडाउन के बाद फिर से अपना कारोबार शुरू करने के लिए बगैर किसी गारंटी के एक साल की अवधि के लिए 10,000 रुपये तक लोन की सुविधा देना है.
यह भी पढ़ें: 100 रुपये से ज्यादा सस्ता हुआ LPG सिलेंडर, जानिए 1 जनवरी 2022 को क्या है रेट
सालाना 7 फीसदी ब्याज सब्सिडी
पीएम स्वनिधि स्कीम में मिलने वाले लोन का नियमित पुनर्भुगतान करने पर 7 फीसदी सालाना की ब्याज सब्सिडी का प्रावधान है. साथ ही निर्धारित डिजिटल लेनदेन करने पर सालाना 1,200 रुपये तक का कैशबैक और आगे फिर से ऋण पाने की पात्रता भी प्रदान की गई है. लाभार्थी के बैंक अकाउंट में तिमाही के आधार पर ब्याज सब्सिडी को भेजा जाएगा. वहीं लोन का समय से पहले भुगतान करने पर सब्सि़डी एक ही बार में अकाउंट में आ जाएगी.
लोन के लिए कैसे करें अप्लाई
पीएम स्वनिधि योजना के तहत लोन के लिए https://pmsvanidhi.mohua.gov.in/ या मोबाइल ऐप की मदद से आवेदन किया जा सकता है. देशभर में फैले कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के जरिए भी लोन के लिए अप्लाई किया जा सकता है. बता दें कि पीएम स्वनिधि लोन के लिए वेंडर का मोबाइल नंबर आधार कार्ड से लिंक होना जरूरी है.
यह भी पढ़ें: अगर ये गलती की तो नहीं मिलेगा PM किसान सम्मान निधि का पैसा
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक के ऊपर है इस योजना का लागू करने की जिम्मेदारी
इस योजना को लागू करने की जिम्मेदारी भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) को दी गई है. रेहड़ी-खोमचे वालों (स्ट्रीट वेंडर्स) को उधार देने के लिए इन ऋणदाता संस्थानों को लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) के माध्यम से प्रोत्साहित करने हेतु इनके पोर्टफोलियो के आधार पर एक ग्रेडेड गारंटी कवर प्रदान किया जाता है.
यह भी पढ़ें: ITR पर वित्त मंत्री सीतारमण का बयान- नहीं बढ़ाई जाएगी आखिरी तारीख
सड़कों पर रेहड़ी लगाकर व्यापार करने वाले ज्यादातर विक्रेता बहुत कम लाभ पर अपना व्यवसाय करते हैं. इस योजना के तहत ऐसे विक्रेताओं को लघु ऋण से न केवल बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, बल्कि उन्हें आर्थिक प्रगति करने में भी मदद मिलेगी. एकीकृत आईटी प्लेटफॉर्म वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप के उपयोग ने इस योजना को न्यूनतम सरकार और अधिकतम प्रबंधन के उद्देश्य के साथ समाज के इस तबके तक पहुंचने और इन्हें लाभ पहुंचाने में सक्षम बनाया है.
HIGHLIGHTS
- निर्धारित डिजिटल लेनदेन करने पर सालाना 1,200 रुपये तक का कैशबैक
- लोन के लिए वेंडर का मोबाइल नंबर आधार कार्ड से लिंक होना जरूरी