इनकम टैक्स बचाने के दो सबसे अच्छे तरीकों में एक है PPF और दूसरा है ELSS स्कीम। लेकिन जहां PPF में निवेश पर सरकार की गारंटी मिलती है, वहीं ELSS में निवेश स्टॉक मार्केट के अधीन होता है। फिर भी दोनों योजनाओं की कई खूबियां हैं जो इन्हें खास बना देती हैं।
कई बातें कॉमन
दोनों स्कीम में कई बातें काॅमन हैं। पहली है कि दोनों में अधिकतम 1.5 लाख रुपए का निवेश करके ही अधिकतम इनकम टैक्स बचाया जा सकता है। इसके अलावा दोनों स्कीम को बीच को बंद नहीं किया जा सकता है। यह अलग बात है कि PPF में पैसा 15 साल बाद निकाला जा सकता है, वहीं ELSS में पैसा 3 साल ही निकाला जा सकता है।
PPF की 5 बातें जाे बनाती हैं इसे खास
1. इसे बैंक या पोस्ट ऑफिस में कहीं भी खोला जा सकता है। इसके अलावा इसे किसी भी बैंक में या किसी भी पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर भी किया जा सकता है।
2. इसे खोला तो केवल 100 रुपए से जा सकता है, लेकिन फिर बाद में हर साल 500 रुपए एक बार में जमा करना जरूरी है। इस अकाउंट में हर साल अधिकतम 1.5 लाख रुपए ही जमा किया जा सकता है।
3. यह स्कीम 15 साल के लिए है, जिससे बीच में नहीं निकला जा सकता है। लेकिन इसे 15 के बाद 5 - 5 के लिए बढ़ाया जा सकता है।
4. इसे 15 साल के पहले बंद नहीं किया जा सकता है, लेकिन 3 साल बाद से इस अकाउंट के बदले लोन लिया जा सकता है। अगर कोई चाहे तो इस अकाउंट से 7वें साल से नियमों के तहत पैसा विड्रॉल कर सकता है।
5. ब्याज दरों की समीक्षा हर तीन माह में सरकार करती है। यह ब्याज दरें कम या ज्यादा हो सकती है। फिलहाल इस अकाउंट पर 7.6 फीसदी ब्याज मिल रहा है।
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ELSS की 5 बातें जाे इसे बनाती हैं खास
1. देश में 42 म्युचुअल फंड कंपनियां है। हर कंपनी के पास इक्विटी लिंक सेविंग स्कीम (ELSS) है। इसे ऑनलाइन घर बैठे-बैठे या किसी एजेंट के माध्यम से खरीदा जा सकता है।
2. इसमें अगर एक बार में निवेश करना है तो आमतौर पर न्यूनतम 5 हजार रुपए और अगर हर माह निवेश करना है तो आमतौर पर न्यूनतम 500 रुपए महीने का निवेश करना होता है। हालांकि इसमें 1.5 लाख रुपए की अधिकतम टैक्स छूट ली जा सकती है, लेकिन अधिकतम निवेश की इसमें कोई सीमा नहीं है।
3. इस स्कीम में निवेश 3 साल के लिए लॉकइन रहता है। इसके बाद निवेशक चाहे तो यह पैसा निकाल सकता है। तीन साल के बाद चाहें तो पूरा निकाल लें या जितनी जरूरत हो उतना। निवेशक इस स्कीम में जब तक चाहे बना रह सकता है।
4. यह स्कीम केवल 3 साल के लिए लॉकइन होती है, लेकिन अगर निवेशक इसमें डिविडेंट पेआउट का आप्शन लेता है तो उन्हें बीच बीच में पैसा मिलता रहेगा। हालांकि बीच में स्कीम से निकला नहीं जा सकता है।
5. इस निवेश पर ब्याज दर की जगह मार्केट लिंक रिटर्न मिलता है। इस कैटेगरी में 42 से ज्यादा स्कीम्स हैं और उनका औसत 3 साल का रिटर्न 10.5 फीसदी रहा है।
(नोट : यह डाटा 7 मई 2018 तक का है।)
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दोनों स्कीम में अंतर
अंश फाइनेंशियल एंड इन्वेस्टमेंट के डायरेक्टर दिलीप कुमार गुप्ता के अनुसार यह स्कीम हालांकि इनकम टैक्स बचाने के लिए ही है, लेकिन दोनों की खासियतें अलग-अलग हैं। सबसे पहला फायदा है कि ELSS में पैसा तीन साल के बाद वापस मिल जाता है, वहीं PPF में 15 साल के बाद यह वापस मिलता है। 15 साल काफी ज्यादा समय होता है। इसके अलावा PPF में सरकार की तरफ से तय ब्याज मिलता है, जिसकी हर तीन माह के बाद समीक्षा होती है और यह घटाया या बढ़ाया जा सकता है। हालांकि यह पिछले काफी समय से घट ही रहा है। वहीं ELSS में मार्केट लिंक रिटर्न मिलता है। इस कैटेगरी में 3 साल में सबसे अच्छा रिटर्न Escorts Tax Plan - Direct (G) स्कीम ने दिया है। इसका यह रिटर्न 20.8 फीसदी CAGR यानी रह साल मिला है।
Source : Vinay Kumar Mishra