प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट डिजी यात्रा के शुरू होने के साथ विमानयात्रियों के लिए देशभर में महज कुछ मिनटों में उड़ानों में सवार होना आसान हो जाएगा. हवाई अड्डों पर उच्च तकनीक युक्त बॉडी स्कैनर, चेहरों की पहचान की प्रौद्योगिकी और आधुनिक प्रबंधन प्रणाली होगी जिससे एक मिनट से भी कम समय में यात्रियों के लिए सुरक्षा जांच के विभिन्न स्तरों से गुजरना आसान हो जाएगा.
सुरक्षा जांच के लिए यात्रियों को लंबी कतारों में खड़े रहने की जरूरत नहीं होगी बल्कि पांच सेकंड से भी कम समय में बॉडी स्कैनर से गुजरते ही वे सुरक्षा की बाधाओं से पार हो जाएंगे. हवाई अड्डों पर मेट्रो स्टेशनों की भांति फ्लैट गेट होंगे जो यात्रियों के चेहरों की बायोमेट्रिक पहचान के साथ खुल जाएंगे. डिजी यात्रा का पायलट प्रोजेक्ट इस साल फरवरी में मुंबई और हैदराबाद में कुछ चयनित उड़ानों के लिए शुरू किया गया था. इसका परीक्षण सोमवार को बेंगलुरू हवाई अड्डे पर विस्तारा की उड़ान यूके-864 (मुंबई के लिए) में किया गया.
यह भी पढ़ें: लोगों की हत्याओं से ज्यादा गाय की मौत को दी जा रही तवज्जो, मॉब लिंचिंग पर बोले नसीरुद्दीन शाह
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के महानिदेशक स्तर के अधिकारियों ने बताया, 'मुंबई और हैदराबाद में परीक्षण की रिपोर्ट सकारात्मक रही. चेहरों की पहचान प्रणाली प्री-एंबारकेशन सिक्योरिटी चेक (पीईएससी) बोर्डिग के आखिरी गेट तक अच्छी रही. परीक्षण के लिए चयनित यात्रियों का रजिस्ट्रेशन डिजी यात्रा कियोस्क पर करवाया गया जहां यात्रियों के चेहरों की पहचान ली गई. चेहरों की बायोमेट्रिक पहचान से यात्रियों को सुरक्षा घेरों को तेजी से पार करने में मदद मिली.'
देश के 61 हवाई अड्डों की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ के पास है. सीआईएसएफ के अधिकारियों ने बताया कि हवाई अड्डों पर बॉडी स्कैनर लगाए जाने के बाद यह काम और आसान हो जाएगा. इस समय विमान यात्रियों को प्रस्थान प्वाइंट से शुरू होकर आखिर में बोर्डिग के गेट तक पांच सुरक्षा घेरों से गुजरना होता है. इस तरह सुरक्षा जांच में औसतन एक घंटा लगता है, इस दौरान यात्रियों को कतारों में खड़ा रहना पड़ता है.
यह भी पढ़ें: दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन दिल्ली से जम्मू के लिए हुई रवाना, अब इतने समय में करें माता वैष्णों देवी के दर्शन
सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'यात्रियों को निर्बाध हवाई यात्रा की सुविधा प्रदान करने के लिए चेहरा अब उनका बोर्डिंग कार्ड बन जाएगा. यात्रियों की अनुमति लेने के बाद चेहरों की पहचान बनाई जाएगी. इसके बाद यात्री फ्लैट गेट से गुजरेंगे जो चेहरों की बायोमेट्रिक पहचान प्रौद्योगिकी से खुलेंगे.'
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से तैयार की गई डिजी यात्रा रिपोर्ट के अनुसार, लगातार हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को फेशियल बायोमेट्रिक से बोर्डिंग में काफी समय की बचत होगी.