कोरोना काल में देश की अर्थव्यवस्था को गहरा धक्का लगा है. रोजगार की कमी बनी हुई है. मगर खुद अपने दम पर बिजनेस करने वालों के पास पैसों की कोई कमी नहीं है. आज हम आपको एक ऐसा मुनाफा देने वाला बिजनेस आइडिया बताने जा रहे हैं, जिससे आप 50 हजार रुपये प्रति माह तक की कमाई कर सकते हैं और ये काम आप घर से शुरू कर सकते हैं और इस प्रोडक्ट की हमेशा डिमांड बनी रहती है. यह बिजनेस घर बैठे डिस्पोजल पेपर कप बनाने का है. बीते कुछ सालों से बदलते समय में डिस्पोजल पेपर कप की मांग बाजार में तेजी से बढ़ी है. लोग कागज के बने कप का उपयोग अधिक कर रहे हैं. कागज के ग्लास भी बनने लगे हैं. फलों की दुकान पर जूस पर इन कपों का उपयोग बढ़ गया है. इस बिजनेस की एक अच्छी बात ये है कि इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से मदद भी मिलती है.
देश में प्लास्टिक एक समस्या की तरह है. कई जगह सरकार इस पर बैन भी लगा चुकी है और कई जगहों इसकी तैयारी हो रही है. इन सबके बीच पेपर की डिमांड में काफी उछाल आया है. खास कागज (पेपर) के बने ग्लास और कप बिजनेस मॉडल बनकर उभरा है. इसके तहत अलग-अलग साइज के ग्लास तैयार होते हैं. पेपर से बनने ग्लास को आसानी से डिस्पोज किया जा सकता है. इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता हैं.
बिजनेस के लिए मिलती है सब्सिडी
इस बिजनेस को आरंभ करने के लिए केंद्र सरकार के मुद्रा लोन की तरफ से मदद भी मिलती है. मुद्रा लोन के तहत सरकार ब्याज पर सब्सिडी देती है. इस योजना के तहत कुल प्रोजेक्ट कॉस्ट का 25 फीसदी आपको खुद के पास से निवेश करना होता है. मुद्रा योजना के तहत 75 फीसदी लोन सरकार देगी.
लागत और जरूरी सामान
इस बिजनेस को पूरा करने के लिए 500 वर्गफीट क्षेत्र की आवश्यकता होती है. मशीनरी के साथ डाई, इलेक्ट्रिफिकेशन, इंस्टालेशन और प्री आपरेटिव के लिए 10.70 लाख रुपये तक का खर्च आता है. इसके लिए आपको छोटी और बड़ी मशीनें लगानी होंगी. छोटी मशीनों से एक ही साइज के कप तैयार किए जा सकते हैं.
वहीं बड़ी मशीन हर आकार के ग्लास/कप को तैयार करती है. ये मशीनें दिल्ली, हैदराबाद, आगरा एवं अहमदाबाद सहित कई बड़े शहरों में मिल जाएगी. रॉ मैटेरियल कप बनाने के लिए पेपर रील चाहिए. ये करीब 90 रुपये प्रति किलो मिल जाएगा. वहीं बॉटम रील की भी आवश्यकता होगी. ये करीब 80 रुपये किलो के आसपास होगी.
HIGHLIGHTS
- डिस्पोजल पेपर कप की मांग बाजार में तेजी से बढ़ी है
- इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से मदद भी मिलती है
- केंद्र सरकार के मुद्रा लोन की तरफ से मदद भी मिलती है