भारतीय रेलवे ने कोयला संकट का सामना कर रहे थर्मल पावर प्रोजेक्ट्स (Thermal Power Projects) का जिम्मा अब अपने सर उठा लिया है. रेलगाड़ियां लोडिन की क्षमता बढ़ाकर रात-दिन पावर प्लांट्स तक कोयला पहुंचा रही हैं. खबरें कुछ ऐसी थी की देश के कई पावर प्लांट्स में कोयला का स्टॉक बहुत कम बचा है. ऐसे में सरकार और संबंधित विभाग अलर्ट हो गयी है. रेलवे में भी अधिकारियों को हर घंटे की जानकारी तैयार करने के निर्देश मिले है. साथ ही हर दिन लोडिंग की क्षमता भी बढ़ा दी गयी है.
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कोयला की कमी को रेलवे आंतरिक रूप से ‘आपातकाल’ मान रहा है. बता दें की सभी जोनल रेलवे के मुख्य संचालक प्रबंधकों को कंट्रोल रूम तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही मंत्रालय और जनरल मैनेजर्स के लिए हर घंटे के बुलेटिन बनाने के निर्देश दिए गए है. ऊर्जा मंत्री आरके सिंह भी इस विषय पर अपनी चिंता जाहिर की है.
हर रोज होने लोड होने वाले कोयला के रैक की संख्या सोमवार को 430 से बढ़कर 440-450 हो गई है. जबकि, बीते साल इसी दिन यह आंकड़ा 14.8 लाख था. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो मांग प्रतिदिन 500 रैक तक बढ़ती है, तो भी रेलवे इसे आराम से संभालने के लिए तैयार है. रिपोर्ट्स के अनुसार अधिकारियों ने जानकारी दी है कि बड़ी संख्या में कोयला देश के पूर्वी हिस्सों से आ रहा है और ऐसे हिस्सों में काम पूर्वी मध्य रेलवे करती है.
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मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हालात एक या दो दिनों में सामान्य नहीं होंगे और हम कोयला परिवहन की सारी मांगों को पूरा करने के लिए तैयार हैं.’ रिपोर्ट के अनुसार, लोडिंग और अनलोडिंग की गतिविधियों पर भी खास निगरानी रखी जा रही है.