अकसर रेले यात्रियों की शिकायत रहती है कि उनका वेटिंग टिकट बहुत कम मौके पर कंफर्म हो पाता है. इसके साथ आपातकाली स्थिति में भी यात्रियों को कंफर्म टिकट के लिए परेशानी उठानी पड़ती है. अब इस परेशानी को दूर करने के लिए रेलवे एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रोग्राम सामने लेकर आ रहा है. इस प्रोग्राम का सफलतापूवर्क परीक्षण पूरा कर लिया गया है. इस प्रोग्राम की सहायता से यात्रियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. AI की मदद से वेटिंग लिस्ट को पांच से छह फीसदी कम किया जा सकता है. इस प्रोग्राम का परीक्षण किया गया तो पाया गया कि अधिकतर यात्रियों के टिकट कंफर्म हो चुके थे.
रेलवे ने इसे इन हाउस तैयार किया है. रेलवे की सॉफ्टवेयर शाखा सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (CRIS) की ओर से तैयार ‘आइडियल ट्रेन प्रोफाइल’ को राजधानी समेत लंबी दूरी लगभग 200 ट्रेनों की जानकारी फीड की गई थी.
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किस तरह से काम करता है एआई?
परीक्षण के दौरान एआई की मदद से कई पैटर्न का पता लगया गया. जैसे यात्रियों ने टिकट कैसे बुक किया और टिकट के लिए कितनी दूरी तय करनी है. साथ ही देखा गया कि यात्रा अवधि के दौरान कितने हिस्से में कौन सी सीटें खाली रहीं. रेलवे अधिकारियों ने बताया कि विभाग ने मई-जून की छुट्टियों की अवधि से पहले इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रोग्राम के परीक्षण को पूरा करना चाहता था. इसका कारण है कि इस समय कन्फर्म टिकटों की डिमांड अधिक होती है. काफी बड़ी संख्या में लोग कंफर्म टिकट हासिल नहीं कर पाते हैं.
साफ्टवेयर की मदद से करोड़ों का फायदा
रेलभवन के अन्य अधिकारी के अनुसार, भारतीय रेलवे अपनी सभी आरक्षित ट्रेनों को लेकर एक 1 बिलियन टिकट कॉम्बिनेशन के साथ वर्क करता है. उनका दावा कि एआई की सहायता से रेलवे हर साल प्रति ट्रेन एक करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व हासिल कर सकता है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि एआई का वक्त के साथ जितना अपडेट वर्जन सामने आता है. उतना ही ये सटीक हो जाता है.
HIGHLIGHTS
- AI की मदद से वेटिंग लिस्ट को पांच से छह फीसदी होगी कम
- लगभग 200 ट्रेनों की जानकारी फीड की गई थी