ट्रेनों में सफर करते वक्त एसी कोच में अकसर लोग गंदे कंबल, तकिया और चादर की शिकायत करते हैं. यात्रियों की शिकायत होती है कि इतना पैसा खर्च करने के बाद भी उन्हें अच्छी सुविधा नहीं मिलती है. इन शिकायतों को दूर करने के लिए रेलवे ने अहम कदम उठाया है. अब यात्रियों को ट्रेनों में इस तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेंगा. रेलवे ने इस मामले में अहम कदम उठाया है. इसके लिए उसने कई बदलाव किए हैं. इसके साथ कोच में पर्दे भी जल्दी-जल्दी बदले जाएंगे. ऐसा कहा जा रहा है कि अब रेलवे एसी कोच में गंदी चादर और कंबल की धुलाई और कैटरिंग में लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी. इसके लिए रेलवे बोर्ड टेंडर में खास बदलाव किए हैं. आइए जाननें की कोशिश करते हैं कि रेलवे किस तरह की योजना बना रहा है.
क्या कहना है रेलवे का
रेलवे ने नियम बदलाव करते हुए बताया कि चादर और कंबल को धुलाई के लिए छह माह से अधिक समय न दिया जाए. रेलवे बोर्ड ने आईआरसीटीसी (IRCTC) और रेलवे जोनल को निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही चादरों की धुलाई का टेंडर डिविजन के बजाय नई नीति के तहत रेलवे बोर्ड से होगा. इससे निगारानी को आसान किया जाएगा. इसके लिए डिविजन लेवल को जिम्मेदारी दी जाएगी.
अब टेंडर सिर्फ 6 माह तक के लिए होगा
फिलहाल ट्रेनों की सफाई, पैंट्रीकार सर्विसेज, चादर और कंबल की धुलाई का ठेका तीन से पांच साल के लिए होता है. समय खत्म होने के बाद इसे दोबारा से आगे बढ़ाया जाता है. मगर नए नियम के तहत अब ऐसा नहीं होने वाला है. रेलवे बोर्ड आईआरसीटीसी (IRCTC) की ओर से सभी जोन को पत्र भेजा गया है. पत्र के अनुसार, अब टेंडर सिर्फ 6 माह तक के लिए होगा. इसके साथ सफाई और लिनेन वाशिंग का टेंडर सेंट्रलाइज करने की प्लानिंग की जा रही है. टेंडर को लेकर सोच विचार जारी है.
गौरतलब है कि रेलवे बोर्ड में टेंडर पर सोच विचार जारी है. ट्रेन में सफर करने के वाले लाखों यात्रियों की सुविधा के लिए यात्री सेवा अनुबंध पॉलिसी भी लाई जा रही है. इसकी शुरुआत दिल्ली से आरंभ होगी. इसके लिए 245 ट्रेनें को चुना गया है. पॉलिसी के तहत गंदगी, खराब खाने और गंदी चादर जैसे शिकायत को दूर किया जायेगा.
HIGHLIGHTS
- रेलवे बोर्ड टेंडर में खास बदलाव किए हैं
- रेलवे बोर्ड ने आईआरसीटीसी और रेलवे जोनल को निर्देश दिए
- टेंडर डिविजन के बजाय नई नीति के तहत रेलवे बोर्ड से होगा