भारत में कोरोनावायरस की कई वैक्सीन परीक्षण प्रगति पर है. इस बीच भारतीय रेलवे देश के विभिन्न स्थानों पर वैक्सीन के परिवहन को लेकर सरकार के साथ बातचीत कर रही है. हालांकि इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की इच्छा जताते हुए कहा कि एक बार वैक्सीन के परिवहन के लिए निर्णय लेने के बाद, वे इसकी आधिकारिक घोषणा करेंगे.
उन्होंने कहा कि वैक्सीन और इसे आवश्यक तापमान पर रखने की बात को ध्यान में रखते हुए अन्य जरूरी चीजों के परिवहन से जुड़े कई तकनीकी मुद्दे हैं. अधिकारी ने कहा, इन बिंदुओं पर चर्चा की जा रही है. इसलिए फैसला होने के बाद हम सभी को अपडेट करेंगे. कोविड-19 वैक्सीन के रेफ्रिजरेटिड वैन्स के जरिए परिवहन को लेकर पूछे गए एक सवाल पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ वी. के. यादव ने शुक्रवार को कहा था, हम सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं और हम संभावनाओं पर चर्चा कर रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि अभी तक कोई भी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. यादव ने कहा, हम कोविड वैक्सीन के परिवहन के लिए कई मंत्रालयों के साथ निरंतर संपर्क में हैं. भारतीय रेलवे अपनी कई मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों में सब्जियों, फलों, डेयरी उत्पादों, मछली और मांस जैसे खराब हो सकने वाली वस्तुओं के परिवहन के लिए कई रेफ्रिजरेटिड वैन का संचालन करती है.
वैन में पांच टन फ्रोजन सामान ले जाने की क्षमता है और फल और सब्जियों जैसे खराब हो सकने वाली वस्तुओं के लिए 12 टन की अतिरिक्त क्षमता भी है. इस वर्ष अगस्त में भारतीय रेलवे ने केंद्रीय बजट 2020-21 में किए गए वादे को पूरा करने के लिए किसान स्पेशल पार्सल ट्रेनें शुरू की थी. रेलवे ने अत्यधिक खराब होने वाले पार्सल यातायात के परिवहन के लिए 17 टन की वहन क्षमता के साथ रेफ्रिजरेटिड पार्सल वैन की एक नई डिजाइन विकसित की है.
इसकी खरीद रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला के माध्यम से की गई है. भारतीय रेलवे के पास वर्तमान में नौ रेफ्रिजरेटिड वैन का एक बेड़ा है. रेलवे के अनुसार, फ्रोजन कंटेनरों के साथ खराब हो सकने वाले माल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर सुरक्षित पहुंचाया जा सकता है.
Source : News Nation Bureau