पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) के बाद अब रेलवे भी लोगों की जेब पर डाका डालने जा रहा है. बताया जा रहा है कि लंबे रूट्स की ट्रेनों में 50 से 100 रुपए तक किराया बढ़ने वाला है. जानकारी के मुताबिक ये अतिरिक्त किराया 15 अप्रैल से टिकट बुकिंग के समय रेल यात्रा में जुड़ जाएगा. आपको बता दें कि रेलवे बोर्ड डीजल इंजनों से चलने वाली ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों पर 10 रुपये से 50 रुपये के बीच हाइड्रोकार्बन सरचार्ज (HCS) या डीजल टैक्स लगाने की योजना बना रहा है. यह सरचार्ज उन ट्रेनों पर लागू होगा जो डीजल इंजनों का इस्तेमाल कर आधी से ज्यादा दूरी तक चलेंगी. देशभर में ऐसी ट्रेनों की सूची तैयार की जा रही है. जो डीजल से चलती हैं.
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आपको बता दें कि AC क्लास के लिए 50 रुपये, स्लीपर क्लास के लिए 25 रुपये और जनरल क्लास के लिए न्यूनतम 10 रुपये फीस तीन कैटेगरी के तहत ली जाएगी. उपनगरीय रेल यात्रा टिकटों पर ऐसा कोई अधिभार नहीं लगाया जाएगा. रेलवे बोर्ड ने सभी जोनों को उन ट्रेनों की पहचान करने का निर्देश दिया है जो निर्धारित दूरी का 50 प्रतिशत डीजल से चलती हैं. इस सूची को हर तीन महीने में संशोधित किया जाना है. हालांकि 15 अप्रैल से पहले बुक किए गए टिकटों पर सरचार्ज लगाने के बारे में अभी कोई स्पष्टता नहीं है. ऐसे में दैनिक यात्रियों पर कुछ भार अतिरिक्त जरूर बढ़ जाएगा.
डीजल की बढ़ती कीमतों के पीछे रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष को माना जा रहा है. आपको बता दें कि साथ-साथ सऊदी अरब और यमन के बीच झड़प के कारण वैश्विक तेल की कीमतें वर्तमान में रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच चुकी हैं. भारत द्वारा रूस से रियायती कीमतों पर तेल आयात करने के बावजूद, आपूर्ति की कमी है. देश में ईंधन की कीमतों में लगातार 12 दिनों तक बढ़ोतरी के साथ उपभोक्ता ईंधन की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं. जिससे रेलवे को भी किराया बढ़ाना पड़ रहा है.