ई-टिकटिंग वेबसाइट और ऐप रेलयात्री से ई-बुकिंग करने वाले लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है. 'रेलयात्री ने अब आईआरसीटीसी से लाइसेंस हासिल कर लिया है जिसके बाद अब लोग आगे भी इससे ई-बुकिंग सेवा का लाभ उठा सकते हैं. इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) ने इस कदम की पुष्टि करते हुए कहा कि ये लाइसेंस पिछले हफ्ते लिया गया है. अधिकारियों ने कहा कि ऐसा एकीकरण यह सुनिश्चित करने के लिये जरूरी है कि ऐसे पोर्टलों के जरिए टिकट बुक कराने वालों से कोई अतिरिक्त शुल्क न वसूली जाए. उन्होंने कहा कि इस लाइसेंस के लिए आईआरसीटीसी फीस लेती है.
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दरअसल इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने कुछ महीनों पहले इन सेवाओं को 'अनधिकृत' करार दिया था. अदालत ने इस साल अप्रैल में कहा था कि वेबसाइट और मोबाइल ऐप्लिकेशन 'रेलयात्री' का कारोबार और संचालन अनधिकृत हैं. मोबाइल ऐप्लिकेशन पर मालिकाना हक रखने वाली और उसका प्रबंधन देखने वाली कंपनी स्टेलिंग टेक्नोलॉजीज द्वारा दायर रिट याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि मेसर्स स्टेलिंग द्वारा अपने प्लेटफॉर्म रेलयात्री इन पर ग्राहकों को आरएसपी (रिटेल सर्विस प्रोवाइडर) से जोड़ने और अपने वॉलेट में पैसे एकत्र कर टिकट बुक करने और राजस्व अर्जित करने के लिये अपनायी गई पद्धति निश्चित रूप से अनधिकृत है. हालांकि अब लाइसेंस लेने के बाद ई-टिकटिंग वेबसाइट और ऐप रेलयात्री को आईआरसीटीसी द्वारा टिकट बुकिंग सेवाएं जारी रखने के लिये अधिकृत किया गया है.
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बता दें, 'रेलयात्री' ट्रेन से संबंधित पीएनआर स्थिति, लाइव ट्रेन स्टेटस, स्टेशनों के बीच रेलगाड़ियां, सीटों की उपलब्धता और उनके कन्फर्म होने का पूर्वानुमान जैसी सुविधाएं देता है. इसके अलावा वह ऑनलाइन बस टिकट, ट्रेन में खान-पान जैसी सेवाएं भी देता है।
Source : PTI